इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) का बुधवार को 32वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इग्नू के क्षेत्रीय कार्यालय से इस साल प्रदेशभर में 1454 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। जिसमें 492 को पीजी, 547 को यूजी, 292 को पीजी डिप्लोमा व 123 को डिप्लोमा कोर्स पूरा करने पर डिग्री दी गई है। वहीं, दून के राजेंद्र नगर निवासी 80 वर्षीय मोहन लाल गांधी को मास्टर्स इन टूरिच्म मैनेजमेंट की डिग्री प्रदान की गई।
राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. हेमचंद्र पांडे ने छात्रों को डिग्री प्रदान की। उन्होंने कहा कि सीखना एक सतत प्रक्रिया है, जो जीवन पर्यंत चलती रहती है। इसमें उम्र की भी कोई बाध्यता नहीं है। कहा कि ज्ञान की सार्थकता तभी है जब व्यक्ति इसे जीवन में उतारे। अगर हमारा ज्ञान केवल विचारों तक ही सीमित है, व्यवहार में नहीं आया तो ऐसे ज्ञान का कोई लाभ नहीं है। डॉ. पांडे ने कहा कि इग्नू विकट परिस्थितियों में भी पढ़ाई करने की चाहत रखने वाले छात्रों के लिए एक बेहतर विकल्प है। क्षेत्रीय निदेशक डॉ. आशा शर्मा ने इग्नू की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इग्नू के नए पाठ्यक्रमों की जानकारी भी उन्होंने दी।
दीक्षांत समारोह में लगभग 200 छात्रों ने हिस्सा लिया। क्षेत्रीय केंद्र से अभिषेक तिवारी ने डिप्लोमा इन टूरिज्म में 72 प्रतिशत अंक के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया। देशभर में 71 छात्रों को गोल्ड मेडल प्रदान किए गए हैं। कार्यक्रम में पाठ्यक्रमों की जानकारी भी उन्होंने दी। उधर, दिल्ली स्थित इग्नू मुख्यालय से दीक्षांत समारोह का लाइव प्रसारण भी किया गया। जिसमें उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू मुख्य अतिथि रहे। इस दौरान खुद इग्नू की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. आशा शर्मा ने पीजी डिप्लोमा इन एजुकेशन टेक्नोलॉजी में डिग्री हासिल की। कार्यक्रम का संचालन अनीता ममगाईं और सहायक निदेशक डॉ. जगदंबा प्रसाद ने किया। कार्यक्रम में डॉ. रामशरण दीक्षित, डॉ. डीबी चौरसिया, डॉ. पीयूष मिश्रा, डॉ. एचएस रंधावा, राकेश चंद्र नवानी, आशुतोष सिंह रावत, राखी अग्रवाल, दीप प्रसाद, निशांत शर्मा, संतोष वर्मा, सुरेश सिंह, रितु सेठी, निधि, प्रदीप पाल, चैन सिंह समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
80 वर्षीय मोहन लाल को भी मिली डिग्री
सीखना एक सतत प्रक्रिया है, जो जीवन पर्यंत चलती रहती है। यह साबित किया है दून के राजेंद्र नगर निवासी 80 वर्षीय मोहन लाल गांधी ने। उन्हें दीक्षांत समारोह में मास्टर्स इन टूरिच्म मैनेजमेंट की डिग्री प्रदान की गई।
मोहन लाल गांधी ओएनजीसी से उप महाप्रबंधक के पद से रिटायर हैं। बंटवारे के समय उनका परिवार क्वेटा से भारत आया था। वह बताते हैं कि बचपन से ही पढ़ाई का बहुत शौक था। पर पारिवारिक हालातों की वजह से तमन्ना पूरी नहीं हो सकी। छोटे-छोटे काम कर परिवार का गुजारा चलता था। अपनी काबिलियत के बूते उन्हें आइआइटी रुड़की में डिप्लोमा कोर्स में दाखिला मिला। वह कहते हैं कि सीखने की ललक थी, सो सेवानिवृत्ति के बाद एक अंतहीन सफर पर निकल पड़े।
वह इग्नू से एमबीए, टूरिज्म, एनवायरमेंट साइंस एंड सस्टेनेबल डेवलेपमेंट, आपदा प्रबंधन आदि की पढ़ाई कर चुके हैं। वर्तमान में वह इग्नू से सस्टेनेबल साइंस की पढ़ाई कर रहे हैं। इससे पहले कोलकाता से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री भी हासिल की। वह बताते हैं इस पढ़ाई का उन्हें बहुत फायदा हुआ है। वह अपने आसपास के बच्चों को इसी ज्ञान के आधार पर ट्यूशन पढ़ाते हैं। वह नियमित ट्रैकिंग पर जाते हैं और बागवानी की भी उन्हें शौक है। उनका बेटा गौरव राजपुर रोड पर दुकान चलाता है और 14 वर्षीय पोता दक्ष कक्षा नौ में पढ़ रहा है।
पर्यटन क्षेत्र में बनाना चाहते हैं मुकाम
दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडल हासिल करने वाले छात्र अभिषेक तिवारी की तमन्ना उत्तराखंड को पर्यटन क्षेत्र में एक अलग मुकाम दिलाने की है। उन्होंने डिप्लोमा इन टूरिज्म स्टडी में पदक हासिल किया है। अभिषेक भीमताल के रहने वाले हैं। उनके पिता पिता भूपेश तिवारी शिक्षा क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं, वहीं मां दीपा गृहणी हैं। अभिषेक ने बताया कि वह बर्ड वॉचिंग के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं। साथ ही सीडीएस की तैयारी भी कर रहे हैं।