भारत सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गईं सोशल मीडिया गाइडलाइन्स लगातार चर्चा का विषय बनी हुई हैं. इस बीच केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि सरकार दुनिया की कुछ कंपनियों द्वारा बनाए गए इंटरनेट साम्राज्यवाद को स्वीकार नहीं करेगी, सभी कंपनियों को स्थानीय कल्चर, नियम, भावनाओं का सम्मान जरूर करना होगा.
मीडिया से बातचीत में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसी भी तरह का इंटरनेट साम्राज्यवाद स्वीकार नहीं होगा. अगर इंटरनेट आज दुनियाभर में छाया है, तो इसका कारण है कि इसने लोगों को ताकत दी है. इंटरनेट अब सभी सीमाओं को पार कर चुका है. इंटरनेट ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को जो बढ़ावा दिया है, उसका सम्मान भी जरूरी है.
सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स पर व्यक्त की जा रही चिंताओं पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इन्हें इस प्रकार से तैयार किया गया है कि कंपनियां खुद ही इसे लागू करें और सरकार के दखल की जरूरत ना हो. साथ ही रविशंकर प्रसाद ने ये भी कहा कि अगर कोई सरकार की आलोचना करना चाहता है या ज्ञान देना चाहता है, उसे खुद को वेरिफाई भी करवाना चाहिए.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उनके विभाग में पिछले कुछ वर्षों में काफी शिकायतें आई थीं, जिसमें लोगों की आवाज़ नहीं सुनी जा रही थी. हम किसी प्लेटफॉर्म को ये नहीं कह रहे हैं कि शिकायतों को कैसे खत्म करें, ये यूजर और प्लेटफॉर्म के बीच की बात है. लेकिन हल ज़रूर निकलना चाहिए.
आपको बता दें कि भारत सरकार द्वारा हाल ही में सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के लिए कुछ गाइडलाइन्स जारी की गई हैं. इनके मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आपत्तिजनक कंटेंट पर शिकायत के बाद एक्शन लेना होगा, इसके अलावा अपना भी एक मैकनिज्म भी तैयार करना होगा. सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन्स 3 महीने में लागू हो जाएंगी.
गौरतलब है कि लंबे वक्त से भारत सरकार और ट्विटर के बीच विवाद चल रहा था. किसानों के आंदोलन के दौरान कुछ आपत्तिजनक हैशटैग और अकाउंट्स को लेकर ये विवाद और बढ़ गया, जब ट्विटर ने कुछ अकाउंट्स को डिलीट नहीं किया था. इसी के बाद सरकार ने सख्त रुख अपनाकर कहा था कि भारत में कारोबार करने वालों को यहां का संविधान मानना ही होगा.