आख़िर क्यों, हनुमान और भैरव बाबा का नाम सुनते ही भाग जाते हैं भूत-प्रेत

आप सभी जानते ही होंगे कि तन्त्र विद्या में भैरव जी को एक विशेष देव स्थान मिला हुआ है और अनेक तांत्रिक भैरव जी की शक्ति प्राप्त करके उनकी सिद्धि शक्ति से भूतों को भगाने में सफल हो जाते हैं. वहीं भूत विद्या में भैरव शक्ति सबसे उपयोगी होती है. ऐसे में भैरव जी का काला रूप ही भूतों को भगाने का साधन माना गया है इसी के साथ ही कहा जाता है भैरव जी के साथ-साथ बहुत से तांत्रिक हनुमान जी की भी उपासना करके सिद्धि प्राप्त करने का प्रयास करते है और उनसे भी भूत भाग जाते हैं.

 

आपको पता हो बाला जी के रूप में हनुमान जी का स्थान मेहंदीपुर बालाजी बहुत ही प्रचलित है और वहां हनुमान ही बालाजी के रूप में विराजमान हुए हैं. कहा जाता है जिस भी व्यक्ति में भूत-प्रेत का साया होता है इस स्थान पर आते ही वे भूत बालाजी द्वारा दण्डित किये जाते है और कुछ ही समय में भूत-प्रेत, रोगी के शरीर से हमेशा-हमेशा के लिए दूर निकल जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों भूत-प्रेत हनुमान और भैरव बाबा से डरते हैं..? अगर नहीं तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों होता है…

आखिर कौन हैं काल भैरव भगवान – जी दरअसल पुरानी धार्मिक मान्यता के अनुसार काल भैरव भगवान, भगवान शिव जी के जरिए ही उत्पन्न हुए थे. कहते है कि एक बार भगवान शिव को काफी गुस्सा आ गया था और उनके गुस्से से ही काल भैरव उत्पन्न हुए थे. वहीं काल भैरव से जुड़ी एक और कथा के अनुसार जब ब्रह्मा जी ने इनके एक फैसले पर अपने समर्थन नहीं दिया था, तो गुस्सा होकर काल भैरव ने इनके उस मस्तक को अपने नाखून से काट दिया था, जिसके द्वारा ये असहमित जताई गई थी. भगवान भैरव जी की पूजा कई लोगों द्वारा की जाती है और ये भगवान रात्रि के देवता के रुप में जाने जाते हैं. इनके कारण भूत डरते हैं और इसी कारण कल भैरव की पूजा तांत्रिकों द्वारा की जाती है. वहीं हनुमान जी की बात करें तो वह भी भूतों को भगा देते हैं और उनका नाम जपते ही भूत भागने लगते हैं.

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