आलू की बेहतर पैदावार होने से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। वे ज्यादा मुनाफा हासिल करने के लिए अपनी उपज को कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित करने की कोशिशों में जुट गए हैं। हालांकि उन्हें आलू का भंडारण करवाने में पसीने छूट रहे हैं। किसानों को तमाम कोल्ड स्टोरेज पर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। कई कोल्ड स्टोरेज में इस बार भंडारण शुक्ल भी बढ़ा दिया गया है। ऐसे में पैदावार बढ़ने तथा भंडारण के संकट के चलते आलू किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उनके अनुसार प्रशासन को चाहिए कि वह किसानों के आलू का समुचित भंडारण करवाना सुनिश्चित करे।
जिले में इस बार आलू की खेती करना किसानों के लिए मुफीद साबित हुआ है। गत वर्ष की तुलना में इस बार आलू की पैदावार बढ़ी है। इससे एक तरफ जहां किसानों के चेहरे खिले हैं, वहीं दूसरी तरफ उनके सामने भंडारण को लेकर दिक्कतें भी आ रही हैं। इस वर्ष भी जिले में कुल 4600 हेक्टेअर क्षेत्रफल में आलू की बोआई की गई थी। लगभग 2 लाख किसानों ने आलू की खेती की थी। इस बार उनकी मेहनत सफल होती दिखी है। कारण यह है कि अब आलू की बेहतर उपज सामने आ रही है। गत वर्ष भी 4600 हेक्टेअर क्षेत्रफल में आलू की खेती हुई थी, लेकिन मौसम के प्रतिकूल रुख के चलते पैदावार पर असर पड़ा था।
इस बार मौसम ने किसानों का साथ दिया, जिसके चलते 18 लाख 80 हजार क्विंटल पैदावार की उम्मीद है। आलू उत्पादन में बेहतर परिणाम आने के चलते किसान बड़ी मात्रा में आलू को कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित रखने की कोशिश में जुट गए हैं। ऐसा इसलिए, जिससे अगली फसल के लिए उसका इस्तेमाल किया जा सके और बेहतर दाम मिलने के समय उसकी बिक्री की जा सके। इस बीच आलू किसानों की इन कोशिशों को करारा झटका लग रहा है। कारण यह कि कोल्ड स्टोरेज संचालकों की ओर से समुचित व्यवस्था नहीं की जा रही है। तमाम कोल्ड स्टोरेज ऐसे हैं, जहां किसानों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। इससे किसानों को परेशानी हो रही है।
पहले आवक, पहले पावक की नीति से काटी जा रही पर्ची
जलालपुर रोड स्थित गिरधारी शीतालय के प्रबंधक संतराम चौहान ने बताया कि स्टोरेज की क्षमता 46 हजार क्विंटल है। इसमें 16 हजार क्विंटल में आलू का भंडारण हो चुका है। 7 हजार क्विंटल आलू परिसर में आ गया है, उसे भी शीघ्र ही स्टोर कर दिया जाएगा। किसानों की सुविधा को देखते हुए इस बार पहले आवक, पहले पावक की नीति से पर्ची काटी जा रही है। बताया कि गत वर्ष 11 हजार क्विंटल आलू जमा हुआ था। इस बार ज्यादा आलू जमा हो रहा है। जलालपुर में सीता कोल्ड स्टोरेज के मैनेजर सुरेश कुमार ने बताया कि कोल्ड स्टोरेज की क्षमता 73 हजार क्विंटल है। आलू की बोआई का रक्बा कम है, लेकिन पैदावार अच्छी है। ऐसे में 30 हजार क्विंटल जमा होने की संभावना है। किसानों को दिक्कत नहीं होने दी जा रही है।
किसान बोले, समय से नहीं मिल रही पर्ची
जैनापुर निवासी किसान आदित्य प्रकाश मौर्य ने कहा कि आलू की पैदावार अच्छी हुई है, लेकिन बीज महंगा होने के कारण कम ही रकबे में बोआई हुई है। बूढ़नपुर निवासी महेश शर्मा ने बताया कि दो बिस्वा रकबे में बोआई की थी। 15 क्विंटल आलू की पैदवार हुई है। 10 क्विंटल आलू का भंडारण करा दिया। पंथीपुर निवासी किसान राकेश कुमार ने कहा कि गुरुवार को वह सुबह आठ बजे से ही लाइन में लगे हैं। अभी भंडारण की पर्ची नहीं कट सकी है। मरसौचा निवासी रामसुभग ने कहा कि कोल्ड स्टोरेज पर आलू जमा करने पहुंचे थे। सुबह नौ बजे ही पहुंच गए थे, लेकिन अपराह्न 2 बजे तक पर्ची नहीं मिल सकी। पंथीपुर निवासी राजेश कुमार ने कहा कि आलू की पैदावार तो अच्छी हुई है, लेकिन भंडारण में समस्या हो रही है। कारण यह कि कोल्ड स्टोरेज पर लंबी लाइन लगाने के बाद भी समय पर पर्ची नहीं मिल पा रही है। डड़वा के राधेश्याम यादव व अशरफपुर भुआ के जियालाल ने कहा कि आलू की पैदावार देखकर तो बहुत ही खुशी हुई, लेकिन भंडारण में उन्हें पसीना आ रहा है। प्रशासन को चाहिए कि किसानों को किसी भी प्रकार मुश्किल न हो, इसके लिए जरूरी कदम उठाएं।
यह हैं जिले में कोल्ड स्टोरेज
सहकारी क्रय विक्रय समिति शीतगृह अकबरपुर, सीता कोल्ड स्टोर मालीपुर, साकेत कोल्ड स्टोर अकबरपुर, हाजी रमजान अब्दुल रऊफ यूनिट आसोपुर टांडा, जनता कोल्ड स्टोरेज पुंथरपुर, मेसर्स गिरधारी कोल्ड स्टोरेज प्राइवेट लिमिटेट बसखारी, अजय शीतालय प्राइवेट लिमिटेड बसखारी, अवध कोल्ड स्टोरेज प्राइवेट लिमिटेड रामनगर।
दिए गए जरूरी दिशा निर्देश
किसानों को आलू भंडारण करने में किसी भी प्रकार की मुश्किल न हो, इसके लिए सभी कोल्ड स्टोरेज संचालकों को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं। यदि कहीं से किसी भी प्रकार की शिकायत आती है, तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
– संजय रस्तोगी,जिला उद्यान अधिकारी