आरबीआई विवाद पर सरकार ने तोड़ी चुप्पी

आरबीआई और सरकार के बीच जारी विवाद पर आखिरकार केंद्र सरकार ने चुप्पी तोड़ दी है। केंद्र सरकार ने कहा है कि वह केंद्रीय बैंक की स्वायत्ता का सम्मान करती है। सरकार की ओर से आरबीआई एक्ट के सेक्शन 7 को बहाल करने की संभावना नहीं है। 

वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘आरबीआई एक्ट के तहत केंद्रीय बैंक की स्वायत्ता जरूरी है और इस पर कोई दोराय नहीं है। भारत सरकार ने इसे मजबूत किया है और वह इसका सम्मान करती है।’

बयान में कहा गया है, ‘सरकार और केंद्रीय बैंक दोनों ही जनता के हित और भारतीय अर्थव्यवस्था की जरूरतों के मुताबिक काम करते हैं। इसके लिए सरकार और आरबीआई के बीच समय-समय पर विचार विमर्श होते रहता है।’

मंत्रालय ने कहा, ‘यही बात सभी अन्य नियामकों के लिए सही है। भारत सरकार ने कभी भी इस मुद्दे को सार्वजनिक नहीं किया है। केवल अंतिम फैसलों के बारे में ही जानकारी सार्वजनिक की जाती है। सरकार आगे भी ऐसा करती रहेगी।’

क्या कहता है आरबीआई एक्ट का सेक्शन 7?

आरबीआई एक्ट के सेक्शन 7 के मुताबिक सरकार के पास यह अधिकार होता है कि वो जनता के हित को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय बैंक को दिशानिर्देश जारी कर सकती है। वो समय समय पर ऐसा आरबीआई गर्वनर के परामर्श पर कर सकती है। इसके आगे सेक्शन 7 का सब सेक्शन कहता है कि इस तरह का आदेश बैंक के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टोरेट को अधिक शक्तिशाली बना देगा और बैंकिंग से जुड़े सभी कामकाजों पर इसी का नियंत्रण होगा। इससे आदेश से पहले बोर्ड ऑफ डायरेक्टोरेट से अधिक अधिकार गवर्नर के पास माने जाते थे। 

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