राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और इससे जुड़े संगठनों की जांच के लिए बिहार पुलिस की विशेष शाखा से निर्गत पत्र पर सियासत लगातार जारी है। इस मामले में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर निशाना साधा है और कहा है कि इस मामले में सुशील मोदी से सवाल पूछा जाना चाहिए और मुख्यमंत्री बताएं कि उनकी इजाजत के बिना इतना बड़ा निर्णय कैसे लिया गया? इस पर जदयू ने उन्हें नसीहत दी कि जाकर पीएम मोदी या अमित शाह से मिल लें।

गिरिराज सिंह ने आरएसएस की जासूसी मामले पर कहा कि यह किसी को समझ में ही नहीं आया कि जांच कराने के आदेश देने के पीछे क्या कारण था? बिहार में जदयू-भाजपा के साथ सरकार में है और संघ हमारा मातृ संगठन है और ऐसे में जबकि सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री हैं तो उनसे पूछा जाना चाहिए कि ऐसा क्यों किया गया? इसके पीछे मंशा क्या थी और छानबीन करने की जरूरत क्यों पड़ी?
इसके साथ ही गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीधा सवाल किया कि इतना बड़ा निर्णय बिना आपकी इजाज़त के कैसे संभव हुआ, ये तो जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि जो घटना घटी, वो काफ़ी आपत्तिजनक थी। इस घटना से लोगों में इतना आक्रोश है कि लोग अब पूछ रहे हैं कि हम सरकार में हैं या सरकार से बाहर?
उन्होंने कहा कि किसी भी गठबंधन में सरकार को अपने ढंग से चलाना होता है, लेकिन जब ऐसी घटनाएं आती है तो पूरा परिवार प्रतिकार करता है। आज इस घटना पर सभी कार्यकर्ताओं ने प्रतिकार किया है।
गिरिराज सिंह ने संघ परिवार से भाजपा के रिश्ते पर कहा कि संघ हमारा मातृ संगठन है और जिसका चरित्र पारदर्शी है। संघ के ऊपर इस तरह से नाजायज तरीके से जांच कराने का आदेश उचित नहीं था। इस दोहरी सदस्यता के मुद्दे पर एक बार अटल बिहारी वाजपेयी जी ने इस्तीफा दे दिया था। हम संघ के सवाल पर कोई समझौता नहीं कर सकते हैं।
गिरिराज सिंह के इस बयान पर जदयू नेता दिलीप सिंह ने ही नाराजगी जतायी है और कहा है कि इस बयान से गिरिराज राज सिंह अपनी पीड़ा व्यक्त कर रहे हैं। अगर उन्हें कुछ दिक्कत हो तो वो पीएम मोदी या अमित शाह से मिल लें। बिहार में एनडीए का गठबंधन सीएम नीतीश और पीएम मोदी के बीच हुआ है।
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