केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 30 अप्रैल को सभी राज्यों में स्वास्थ्य कर्मचारियों, आंगनबाड़ी और आशा वर्करों को ड्यूटी पर लगाया गया है। ग्राम पंचायतों में जाकर ये वहां के ग्राम प्रधान और स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से गरीबों परिवारों से संपर्क करेंगे। एक फॉर्म में पूरी जानकारी के साथ परिवार का फोन नंबर भी होगा। साथ ही नए सदस्य के जुड़ने की जानकारी लेकर योजना का लाभ उसे भी दिया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य लाभ देने के लिए परिवार का चयन सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) 2011 के तहत किया जाएगा। अधिकारी का कहना है कि इस वर्ष अक्तूबर में इस योजना का लाभ मिलना शुरू होने की संभावना है।
पहाड़ी राज्यों के लिए 90 फीसदी बजट केंद्र देगा
अधिकारी ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना में 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राज्य सरकार की हिस्सेदारी रहेगी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर पहाड़ी राज्यों को ज्यादा सहायता देने का फैसला लिया है। इसके तहत पहाड़ी राज्यों में इस योजना के लिए केंद्र सरकार 90 फीसदी तक बजट देगी। शेष 10 फीसदी राज्य को देनी होगी।
आधार कार्ड को वरीयता नहीं
आधार और मतदाता पत्र को लेकर कई तरह की खामियां सामने आने के चलते सरकार ने आयुष्मान भारत में इसकी वरीयता को नहीं रखा है। बताया जा रहा है कि एसईसीसी 2011 के सात पैरामीटर के अनुसार ही लाभार्थी परिवार का चयन किया जाएगा। हालांकि आवेदन करते वक्त परिवार के मुखिया का आधार कार्ड होना जरूरी होगा। ताकि उनके बीमा खाते को उससे लिंक कराया जा सके।
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