दिल्ली विधानसभा चुनावी की जंग फतह करने के बाद आम आदमी पार्टी की नजर अब देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश पर है. आम आदमी पार्टी यूपी में अपने संगठन के विस्तार के लिए सदस्यता अभियान शुरू करने जा रही है.

इसके अलावा सूबे में सियासी जमीन को मजबूत करने के लिए अरविंद केजरीवाल ने अपने 12 विधायकों को लगाने का फैसला किया है, जो मूलरूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और दिल्ली की पिच पर सियासी बैटिंग करते हैं.
आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि 23 फरवरी को लखनऊ में उत्तर प्रदेश कार्यकारिणी की एक बैठक होगी. इसमें प्रदेश में पार्टी का जनाधार बढ़ाने की रणनीति तय की जाएगी.
23 फरवरी से 23 मार्च तक पूरे उत्तर प्रदेश में व्यापक सदस्यता अभियान चलाया जाएगा. प्रत्येक जनपद में विशेष काउंटर लगाकर सदस्य बनाए जाएंगे. मिस्ड कॉल तथा वेबसाइट के जरिए भी सदस्य बनाए जाएंगे.
संजय सिंह बताया कि पूरे प्रदेश में हर विधानसभा में कम से कम 5,000 बैनर पोस्टर लगाकर आम आदमी पार्टी की नीतियों का प्रचार प्रसार किया जाएगा.
सूबे भर में में ऐसे 20 लाख से अधिक बैनर-पोस्टर लगाए जाएंगे. इसके जरिए दिल्ली के विकास मॉडल को लेकर हम उत्तर प्रदेश में पार्टी का जनाधार बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे.
आम आदमी पार्टी के यूपी में फिलहाल 85 हजार सदस्य हैं. हाल ही में राष्ट्र निर्माण के लिए पार्टी से जुड़े अभियान में यूपी के 1 लाख 16 हजार लोगों ने मिस्ड कॉल दी है. यह उत्साहजनक है.
बता दें कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया यूपी के हापुड़ के मूल निवासी हैं. मंत्री सत्येंद्र जैन बागपत, इमरान हुसैन गाजियाबाद और गोपाल राय मऊ के रहने वाले हैं.
इनके अलावा खलीलाबाद बस्ती के अखिलेश त्रिपाठी, आगरा के राजेश ऋषि, गिरीश सोनी व दिनेश मोहनिया, गाजीपुर के दिलीप पांडेय, मेरठ के अमानतुल्लाह खां, मैनपुरी की प्रीति तोमर और गाजियाबाद के कुलदीप मोनू विधायक दिल्ली में आम आदमी पार्टी से विधायक चुने गए हैं.
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