अगले साल की शुरुआत से आम आदमी पर महंगाई की एक और मार पड़ने वाली है। रोजमर्रा की जरूरतों की कई वस्तुओं की कीमतों में कंपनियां इजाफा करने जा रही हैं, जिससे लोगों के मासिक बजट पर काफी असर पड़ेगा। सब्जियों में विशेषकर आलू, लहुसन और प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद अब खाद्य तेल, आटा, चीनी की कीमतों में 12 से 20 फीसदी का इजाफा हो चुका है।

हालांकि कई कंपनियां जैसे कि नेस्ले, पारले और आईटीसी ने कहा है कि वो कीमतों में इजाफा करने के बजाए अपने उत्पादों के पैकेट साइज को घटा देंगी। इससे लोगों पर उतना बोझ नहीं पड़ेगा। अगर कंपनियां पैकेट साइज छोटा नहीं करती हैं, तो फिर कीमतों में इजाफा किया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, आईटीसी ने कहा है उत्पादों को तैयार करने में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के चलते कई कंपनियां जल्द ही इस बारे में फैसला ले चुकी हैं। दूध की कीमतों में 35 फीसदी इजाफा होने के बाद अब आटा 18 से 20 फीसदी, चीनी 14 फीसदी और खाद्य तेल 15 फीसदी महंगा हो चुका है।
जनवरी से बिस्किट, नूडल्स, स्नैक नमकीन, फ्रोजन फूड, केक, साबुन और रेडी टू इट मील्स की कीमतों में इजाफा किया जा सकता है। कंपनियों का कहना है कि अगर कीमतें नहीं बढ़ेंगी तो फिर उनकी लागत बढ़ती जाएगी, जिससे नुकसान होगा।
कंपनियों का कहना है कि कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती से लाभ मिला है, जिसकी वजह से फिलहाल कीमतों में इजाफा नहीं किया गया है। अगर सरकार की तरफ से यह लाभ नहीं मिलता तो फिर कंपनियां अभी तक कीमतों में इजाफा हो चुका होता।
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