प्रदेश में अब तक हुए लोकसभा व विधानसभा के उपचुनाव में ज्यादातर सत्तापक्ष के हाथ ही जीत लगी है। इस बार भी ये परंपरा कायम रही है। अगर लोकसभा जालंधर सीट पर 2023 उपचुनाव की बात की जाए तो उसमें भी सत्तापक्ष ही काबिज रहा था।
जालंधर वेस्ट सीट का उपचुनाव पंजाब में सत्तासीन आम आदमी पार्टी के लिए बूस्टर डोज साबित हुआ है। लोकसभा चुनाव के नतीजे आप के लिए कुछ ठीक नहीं रहे थे। पार्टी सिर्फ तीन सीटों पर सिमट गई थी, जबकि वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव में उसने 92 सीटों पर परचम लहराकर राज्य में बड़ी जीत दर्ज की थी। यही कारण है कि अब उपचुनाव में बड़े अंतर की जीत से आप का हौसला दोबारा बुलंद हुआ है। आप प्रत्याशी मोहिंदर भगत 37,325 मतों के अंतर से चुनाव जीते हैं।
जालंधर वेस्ट सीट के उपचुनाव को आगामी विधानसभा की चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव व वर्ष 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा था। इसी कारण सभी राजनीतिक दलों के लिए ये चुनाव अहम बना हुआ था और ये जीत आप के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। अब बरनाला, गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक और चब्बेवाल सीट पर भी उपचुनाव होना है और चुनाव आयोग की तरफ से किसी भी वक्त सीटों पर चुनाव की घोषणा की जा सकती है। चुनाव जीतने के बाद सीएम मान ने कहा कि उप चुनाव में बड़ी लीड के साथ मिली जीत से ये साबित होता है कि लोग आप सरकार के कार्यों से संतुष्ट हैं।
प्रदेश में अब तक हुए लोकसभा व विधानसभा के उपचुनाव में ज्यादातर सत्तापक्ष के हाथ ही जीत लगी है। इस बार भी ये परंपरा कायम रही है। अगर लोकसभा जालंधर सीट पर 2023 उपचुनाव की बात की जाए तो उसमें भी सत्तापक्ष ही काबिज रहा था। आप के सुशील कुमार रिंकू ने 3,02,279 मत हासिल करके यह चुनाव जीता था। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कर्मजीत कौर चौधरी को मात दी थी।
हालांकि, इससे पहले लोकसभा संगरूर सीट के नतीजे आप के लिए निराशाजनक रहे थे। भगवंत मान के मुख्यमंत्री के शपथ लेने के बाद वर्ष 2022 में संगरूर सीट पर हुए उपचुनाव में शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के सिमरनजीत सिंह मान ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने आप के गुरमेल सिंह को इस चुनाव में हराया था। 2024 लोकसभा चुनाव में भी आप संगरूर, होशियारपुर व आनंदपुर साहिब सीट पर ही जीत दर्ज करने में सफल रही, जबकि सात सीटों पर जीत दर्ज करके चुनाव में कांग्रेस का दबदबा रहा था। एक सीट शिअद के हाथ लगी, जबकि दो सीटों पर आजाद प्रत्याशी जीते थे। चुनाव में काफी समय बाद भाजपा की झोली खाली रही।
2019 उपचुनाव में चार में से तीन सीटें आई थीं सत्तापक्ष के हाथ
2019 विधानसभा के उपचुनाव में चार में से तीन सीटें सत्तापक्ष के हाथ लगी थीं। उस समय पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी। फगवाड़ा, मुकेरियां, जलालाबाद विधानसभा चुनाव उपचुनाव के नतीजे भी सत्तापक्ष के ही पक्ष में रहे थे। फगवाड़ा उपचुनाव में कांग्रेस के बलविंदर सिंह धालीवाल ने 49,215, मुकेरियां में इंदू बाला ने 53,910 मत व जलालाबाद में रमिंदर सिंह ने 76,098 मत हासिल करके जीत दर्ज की थी। केवल दाखा विधानसभा सीट पर ही उपचुनाव में शिअद प्रत्याशी मनप्रीत सिंह अयाली ने 66,297 मत हासिल करके जीत दर्ज की थी। 2018 शाहकोट उपचुनाव में भी सत्तापक्ष का दबदबा बरकरार रहा था। इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी हरदेव सिंह 51,661 मत लेकर विजय रहे थे।
इन चुनावों के नतीजे भी रहे सत्तसीन पार्टी के पक्ष में
इसी तरह 2013, 2014, 2015 व 2016 में हुए उपचुनाव के नतीजे भी राज्य की सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में रहे थे। 2013 में अकाली दल की टिकट पर चुनाव लड़कर जोगिंदरपाल जैन ने मोगा से जीत दर्ज की थी। वर्ष 2014 उपचुनाव में तलवंडी साबो की सीट पर भी शिअद के कैप्टन जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू ने 71,747 मत हासिल करके बड़ी जीत दर्ज की थी। इसी तरह 2015 में धूरी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी शिअद के गोबिंद लोंगोवाल व 2016 खडूर साहिब सीट पर हुए उपचुनाव में अकाली दल के रविंदर सिंह ब्रह्मपुरा विजय रहे थे। हालांकि, इससे पहले भी हुए उप चुनावों के नतीजे कई बार सत्तापक्ष के पक्ष में रहे, जबकि कुछ चुनावों में सत्तापक्ष को हार भी झेलनी पड़ी है।