भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने हाल ही में हर तरह की क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया था और उसके दूसरे ही दिन वे बैटिंग कोच के तौर पर आइपीएल टीम किंग्स इलेवन पंजाब के साथ जुड़ गए थे।
हालांकि, लंबे समय से वसीम जाफर ने भारत के लिए क्रिकेट नहीं खेली थी, लेकिन वे घरेलू क्रिकेट में लगातार सक्रिय रहे हैं और अब 42 साल की उम्र में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। इसके बाद उन्होंने एक बयान में कहा है कि एक फॉर्मेट खेलने वाले क्रिकेट को सम्मान ज्यादा नहीं मिलता।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर वसीम जाफर का कहना है कि मौजूदा दौर में क्रिकेटरों को सम्मान और पहचान तभी मिलती है जब वे तीनों प्रारूपों में सफल होते हैं। घरेलू क्रिकेट के धुरंधर वसीम जाफर ने अपने बयान में कहा, “आपको तभी पहचान और सम्मान मिलेगा जब आप तीनों प्रारूपों में कामयाब हैं। मैं यह नहीं कहता कि चेतेश्वर पुजारा का सम्मान नहीं है, लेकिन वह सिर्फ टेस्ट खेलते हैं, दूसरा प्रारूप नहीं।”
वसीम जाफर ने आगे कहा है, “अब समय बदल गया है। मेरे समय में भी राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे खिलाड़ियों को उनका श्रेय नहीं मिला। लेकिन, उनके साथ टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ियों को उनकी अहमियत पता है।”
काफी हद तक ये बात सच भी है, क्योंकि टेस्ट क्रिकेट को खुद आज के युवा क्रिकेटर गंभीरता से नहीं लेते। युवा खिलाड़ी टी20 और वनडे फॉर्मेट पर ज्यादा देने देते हैं, लेकिन सबसे कठिन फॉर्मेट उनको पसंद नहीं है।
आपको बता दें, वसीम जाफर ने भारतीय टीम के लिए 31 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें 1944 रन बनाए हैं। 2 दोहरे शतकों के साथ 5 शतक और 11 अर्धशतक भी उन्होंने साल 2000 में डेब्यू करने के बाद 2008 तक जड़े हैं, लेकिन वीरेंद्र सहवाग जैसे बल्लेबाजों की वजह से और फॉर्म कारण उनको लगातार मौका नहीं मिला है।