PM मोदी : जब हम साइंस की बात करते हैं तो कई बार इसे लोग फिजिक्स-केमिस्ट्री या फिर लैब्स तक ही सीमित कर देते हैं, लेकिन साइंस का विस्तार इससे कहीं ज्यादा है और ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ में साइंस की शक्ति का बहुत योगदान है।
हम अपने सपनों के लिए किसी दूसरे पर निर्भर रहें, ये बिलकुल ठीक नहीं है। जो जैसा है वो वैसा चलता रहे, रविदास जी कभी भी इसके पक्ष में नहीं थे। आज हम देखते हैं कि देश का युवा भी इस सोच के पक्ष में बिलकुल नहीं है।
संत रविदास जी ने समाज में व्याप्त विकृतियों पर हमेशा खुलकर अपनी बात कही। उन्होंने इन विकृतियों को समाज के सामने रखा। उसे सुधारने की राह दिखाई। तभी तो मीरा जी ने कहा था- ‘गुरु मिलिया रैदास, दीन्हीं ज्ञान की गुटकी।’
आज ‘नेशनल साइंस डे’ भी है। आज का दिन भारत के महान वैज्ञानिक, डॉक्टर सी.वी. रमन जी द्वारा की गई ‘रमन इफेक्ट’ खोज को समर्पित है। केरल से योगेश्वरन जी ने नमो एप पर लिखा है कि रमन इफेक्ट की खोज ने पूरी विज्ञान की दिशा को बदल दिया था। इससे जुड़ा हुआ एक बहुत अच्छा सन्देश मुझे नासिक के स्नेहिल जी ने भी भेजा है।
इसी तरह, संत रविदास जी ने एक और महत्वपूर्ण सन्देश दिया है। ये संदेश है ‘अपने पैरों पर खड़ा होना।’ हम अफने सपनों के लिए किसी दजूसरे पर निर्भर रहें ये बिलकुल ठीक नहीं है। जो जैसा है वो वैसा चलता रहे, संत रविदास जी इसके पक्ष में नहीं थे।
संत रविदास जी के जीवन की आध्यात्मिक ऊंचाई को और उनकी ऊर्जा को मैंने उस तीर्थ स्थल में अनुभव किया है। हमारे युवाओं को एक और बात संत रविदास जी से जरुर सीखनी चाहिए। युवाओं को कोई भी काम करने के लिए खुद को पुराने तौर-तरीकों में नहीं बांधना चाहिए। आप अपने जीवन को खुद ही तय कीजिए।
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