आतंक और बातचीत एक साथ संभव नहीं : सुषमा स्वराज

पाकिस्तान की ओर से करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोले जाने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में देखी जा रही नरमी के बीच भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दो टूक शब्दों में पाक के साथ द्विपक्षीय बातचीत की संभावना को नकार दिया है.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पिछले कई सालों से भारत सरकार इस (करतारपुर ) गलियारे के लिए कह रही थी, लेकिन अब पाकिस्तान ने सकारात्मक जवाब दिया है. हालांकि, इसका यह मतलब नहीं कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकती.

हैदराबाद में सुषमा ने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को नहीं रोकता है तब तक उसके साथ बातचीत शुरू नहीं की जा सकती. जहां तक करतारपुर कॉरिडोर का सवाल है तो किसी एक को क्रेडिट नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि एकतरफा मामला नहीं है.

दोनों देशों के बीच राजनीतिक रिश्ते बेहद तल्ख हैं. लंबे समय से शीर्ष स्तर पर कोई बातचीत नहीं हुई है.

सुषमा का यह बयान उस समय आया है जब एक ओर करतारपुर कॉरिडोर खोलने जा रहे पाकिस्तान ने दांव चलते हुए दूसरी ओर से सार्क सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रित करने की बात कही है.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई इस जानकारी के जवाब में भारत सरकार के एक बड़े अधिकारी ने साफ कर दिया कि भारत सार्क का अभिन्न हिस्सा है और उसे विशेष निमंत्रण की जरुरत नहीं है, वैसे भी इस सम्मेलन को लेकर कोई तारीख भी तय नहीं हुई है.

20वें दक्ष‍िण एशि‍याई क्षेत्रीय सहयोग संघ (SAARC) सम्मेलन 2016 का आयोजन पाकिस्तान में होना है. हालांकि, इससे पहले 2016 में 19वें सार्क शिखर सम्मेलन का आयोजन भी पाकिस्तान में किया जाना था, लेकिन भारत समेत बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने इस समिट में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद ये सम्मेलन रद्द करना पड़ा था. बांग्लादेश घरेलू परिस्थितियों का हवाला देते हुए इस सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ था.

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