जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मारे गए आतंकवादी मन्नान बशीर वानी को ‘‘कश्मीर में जारी अनवरत हिंसा का पीड़ित’’ करार दिया है. हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी मन्नान बशीर वानी को हाल ही में सुरक्षाबलों ने मार गिराया था. पीडीपी अध्यक्ष ने यह बात घाटी से ताल्लुक रखने वाले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के तीन छात्रों के खिलाफ दर्ज मामला वापस लिए जाने की मांग करते हुए कही.
महबूबा ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा, “छात्रों को कश्मीर में अनवरत हिंसा के पीड़ित अपने पूर्व सहपाठी (वानी) को याद करने पर दंडित करना विडंबना होगी”. वानी (27) एएमयू से पीएचडी कर रहा था, लेकिन इस साल जनवरी में वह विश्वविद्यालय छोड़कर आतंकवादी बन गया था.
तीन कश्मीरी छात्रों ने उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए हिज्बुल कमांडर के लिए शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर में कथित तौर पर जनाजे की नमाज पढ़ने की कोशिश की थी. इसमें कथित तौर पर भारत विरोधी नारे भी लगाए गए थे. इसके बाद छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
महबूबा ने केंद्र से मामले में हस्तक्षेप करने को कहा
पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘युवाओं के सामने कोई राह नहीं छोड़ने का उल्टा असर होगा. छात्रों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने के लिए केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए और एएमयू के अधिकारियों को उनका निलंबन रद्द करना चाहिए’’. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर से बाहर की सरकारों को स्थिति के प्रति “संवेदनशील” होना चाहिए और अलगाववाद पैदा होने से रोकना चाहिए”.
विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे जम्मू कश्मीर के 1,200 से अधिक छात्रों ने धमकी दी है कि यदि तीनों छात्रों के खिलाफ दर्ज देशद्रोह का मामला वापस नहीं लिया जाता और उनका निलंबन रद्द नहीं किया जाता तो वे लोग सर सैयद दिवस पर 17 अक्टूबर को विश्वविद्यालय छोड़कर अपने घर चले जाएंगे. उन्होंने अपनी डिग्रियां वापस करने की भी धमकी दी.
एएमयू में पढ़ रहे जम्मू कश्मीर के छात्रों ने विश्वविद्यालय के प्रोक्टर को लिखे पत्र में कहा कि कोई भी नमाज ए जनाजा या संबंधित गतिविधि नहीं हुई और एएमयू प्रोक्टर के निर्देशों का पालन किया गया.