श्रीलंका सुप्रीम कोर्ट ने आठ तमिलों की हत्या के दोषी सैनिक को माफी देने वाले पूर्व राष्ट्रपति 74 वर्षीय गोटाबाया राजपक्षे को शुक्रवार को समन जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने ठीक पांच महीने पहले एक ऐतिहासिक फैसले में गोटाबाया द्वारा फांसी की सजा का सामना कर रहे अपने एक करीबी राजनीतिक सहयोगी को दी गई माफी को पलट दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने समन जारी किया
1978 में द्वीप देश में राष्ट्रपति शासन व्यवस्था लागू होने के बाद पहली बार ऐसा फैसला सुनाया गया था। श्रीलंकाई संविधान के अनुच्छेद 34 के तहत राष्ट्रपति को क्षमादान की शक्ति प्राप्त है। राजपक्षे द्वारा सैनिक सुनील रत्नायके को 2020 में दी गई माफी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने समन जारी किया है।
सुनील को वर्ष 2000 में लिट्टे के साथ सशस्त्र संघर्ष के दौरान उत्तरी जाफना जिले के मिरुसुविल में एक बच्चे समेत आठ तमिलों की हत्या का दोषी करार दिया गया था। देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद 2022 के मध्य में अपदस्थ हो गए गोटाबाया को मौलिक अधिकार याचिका के उत्तर में सुनील को माफी देने के अपने निर्णय के बारे में न्यायालय को उत्तर देना होगा। इस मामले की अगली सुनवाई सितंबर में होगी।
गोटाबाया के साथ उपस्थित होने का आदेश दिया
कोर्ट ने सुनील को भी गोटाबाया के साथ उपस्थित होने का आदेश दिया है।सुप्रीम कोर्ट ने इसी वर्ष 15 जनवरी को एक करीबी राजनीतिक सहयोगी डुमिंडा सिल्वा को गोटाबाया द्वारा दी गई माफी को पलट दिया। अपनी ही पार्टी में स्थानीय राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भरत लक्ष्मण प्रेमचंद्र की 2011 में हुई हत्या के लिए डुमिंडा को दोषी करार दिया गया था। राष्ट्रपति द्वारा दी गई माफी को भरत लक्ष्मण के रिश्तेदारों ने चुनौती दी थी। माफी की सजा पलट जाने के बाद डुमिंडा जेल लौट गए।
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