‘हैलो..आप कहां हैं? आपके समूह के सभी विधायकों ने वोट डाल दिया।..वोट ठीक रहे।’ शुक्रवार सुबह विधान भवन में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल मंत्रियों के फोन पर कुछ इसी तरह हालचाल ले रहे थे। सुबह 7.30 बजे ही अपने कार्यालय पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार सभी के संपर्क में थे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा भी सक्रिय दिखे।प्रभारी मंत्रियों के कमरों में भाजपा व गठबंधन के विधायकों की आवभऽत हो रही थी। चाय-मिठाई और भोजन कराने से लेकर हाल-चाल लिया जा रहा था। गिले-शिकवे दूर करने के साथ ही मंत्री मान-मनौव्वल में लगे थे। विधायकों से मतदान कराने का फिर पूर्वाभ्यास कराया जा रहा था ताकि कहीं कोई गड़बड़ी न हो। मुख्यमंत्री भी अपने कक्ष से लगातार प्रभारी मंत्रियों के यहां फोन करके जानकारी ले रहे थे।
ताकि जीत रहे पुख्ता
भाजपा ने एक-एक वोट को सहेजकर उसे संबंधित उम्मीदवारों को दिलाने की कोशिश की। मुख्यमंत्री ने सुबह पार्टी के प्रत्याशियों के प्रभारी बनाए गए प्रत्येक मंत्री के कक्ष में जाकर वहां मौजूद विधायकों का हालचाल लिया। उनके गिले-शिकवे दूर करने की कोशिश की। उनके मान-सम्मान का ध्यान रखने का भी आश्वासन दिया। प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा ने अनिल अग्रवाल को छोड़कर अन्य आठ उम्मीदवारों को 37 के कोटे से दो-दो ज्यादा 39-39 वोट आवंटित किए थे।
अनिल को 12 वोट आवंटित करके पार्टी की द्वितीय वरीयता के वोटों से उनकी जीत की रणनीति बनाई गई। प्रत्याशियों में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली जैसे वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने के चलते भाजपा ने जेटली, अनिल जैन और नरसिम्हाराव को पार्टी के वरिष्ठ व अनुभवी विधायक आवंटित किए थे ताकि कोई चूक न हो।
यह रही व्यूह रचना
विधायकों पर प्रत्याशी के प्रभारी बनाए गए वरिष्ठ सदस्यों के अलावा उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर, प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह, अशोक कटारिया, विजय बहादुर पाठक और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा नजर रखे हुए थे। सुरेश खन्ना और डॉ. महेंद्र सिंह को पार्टी ने मतदान केंद्र पर विधायकों के वोटों पर नजर रखने की जिम्मेदारी थी। एक-एक विधायक से लगातार बात की जा रही थी। निर्दलीय विधायक अमनमणि को देर हुई तो मुख्यमंत्री ने उनसे फोन पर खुद पूछा, ‘कहां हो, तुरंत वोट डालो।’
प्रत्याशी – प्रभारी
अरुण जेटली – सतीश महाना
अनिल अग्रवाल – डॉ. दिनेश शर्मा
हरनाथ सिंह यादव- केशव मौर्य
अनिल जैन – आशुतोष टंडन
विजय पाल सिंह तोमर – दारा सिंह चौहान
कांता कर्दम – बृजेश पाठक अ
शोक वाजपेयी – स्वामी प्रसाद मौर्य
सकलदीप राजभर – सूर्यप्रताप शाही
नरसिम्हाराव – स्वतंत्र देव सिंह
विधायकों की मान-मनौव्वल
राज्यसभा चुनाव की प्रतिष्ठापूर्ण लड़ाई को देखते हुए मुख्यमंत्री, मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता दिन भर विधायकों की मान-मनौव्वल करते रहे। प्रभारी मंत्रियों ने विधायकों के गिले-शिकवे सुने तो कुछ ने अपने यहां के अधिकारियों की मनमानी का रोना रोया।
प्रभारी मंत्री ने सभी को सब कुछ ठीक करने का आश्वासन दिया। दोपहर लगभग एक बजे यह बात फैली कि वेस्ट यूपी के भाजपा के एक विधायक वोट डालने नहीं पहुंचे हैं तो मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता परेशान हो गए। विधायक का फोन भी बंद था। कुछ देर बाद पता चला कि वे मीराबाई रोड स्थित स्टेट गेस्ट हाउस में है।
इस पर तुरंत संदेश वाहक भेजा गया। विधायक की पीड़ा थी कि उनके खुद के मामले में न्यायसंगत कार्रवाई नहीं हो रही है। इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी उनके जख्मों पर मरहम लगाकर नाराजी दूर की।
फिर भी फैली सेंधमारी की खबर
भाजपा की पुख्ता व्यूह रचना, वरिष्ठों की एक-एक विधायक पर नजर के बावजूद भाजपा के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के दो विधायकों के क्रॉस वोटिंग की खबर फैली।
हाईकमान ने लिया हालचाल
पार्टी हाईकमान और प्रधानमंत्री के यहां से भी चुनाव पर नजर रखी गई। मतदान खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय के यहां से उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से भी फीडबैक लिया गया।