भारतीय महिला बॉक्सिंग की शान सुपर मॉम एम सी मैरी कॉम का आज जन्मदिन हैं। महिला बॉक्सिंग के बड़े- बड़े रिकॉर्ड अपने नाम करने वाली मैरी आज 38 साल की हो गई हैँ।

छह बार विश्व चैंपियन बनने का कमाल करने वाली मैरी दुनिया कि अकेली महिला मुक्केबाज हैं। भारत के लिए महिला मुक्केबाजी में ओलंपिक का मेडल हासिल करने वाली मैरी पहली भारतीय हैं।
1 मार्च 1983 को मणिपुर के कन्गथेइ में जन्म लेने वाली मैरी कॉम का पूरा नाम मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम है। किसान के घर में पैदा लेने वाली मैरी ने साल साल 2005 में करुंग ओंखोलर के साथ शादी के बंधन में बंधी थी। साल 2005 में ही मैरी ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था।
साल 2003 में मैरी को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था इसके तीन साल बाद 2006 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। साल 2009 में उनको सबसे बड़े खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिया गया।
मैरी के नाम 6 बार विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने का विश्व रिकॉर्ड है। अब तक कोई भी महिला मुक्केबाज ने ऐसा नहीं किया है। दुनिया की सबसे दमदार मुक्केबाजों में शुमार मैरी ने अब तक एक और भी कमाल का रिकॉर्ड दर्ज है। अपने लगातार सात टूर्नामेंट में खेलते हुए पहली ही बार में मेडल जीतने वाली मैरी दुनिया की अकेली मुक्केबाज हैं।
साल 2000 में मैरी कॉम ने महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जीत हासिल की इसके बाद 2001 में महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप AIBA में रजत पदक जीता। साल 2002 में गोल्ड मेडल हासिल किया और फिर 2003 में एशियन वीमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।
साल 2005 में एशियन वीमेन चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक हासिल किया और इसके बाद अगले साल वीमेन बॉक्स कप में भी गोल्ड मेडल हासिल किया। मैरी 2012 ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला मुक्केबाज बनीं।
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