12 घंटे का दिन, 12 घंटे की रात…किसी भी दिन के 24 घंटे को समझने के लिए मोटे तौर पर हम यही बात जानते हैं. लेकिन असल में सूर्य उदय और सूर्य अस्त होने का वक्त हमेशा एक सा नहीं होता. इसी वजह से 21 जून का दिन साल में सबसे लंबा दिन माना जाता है. हालांकि, हर साल यह दिन 21 जून को ही हो, ऐसा जरूरी नहीं है. सबसे लंबे दिन पर सूर्य के उगने से लेकर अस्त होने तक के बीच करीब 13 घंटे का वक्त होता है. जगह के हिसाब से यह अंतर 14 घंटे का भी हो सकता है.
सबसे पहले जानिए ऐसा क्यों होता है. 21 जून को सबसे लंबा दिन ग्रीष्म संक्रांति या सोल्सटिस की वजह से है. सोल्सटिस एक खगोलीय घटना है जो कि साल में दो बार होती है. एक गर्मी यानी अब 21 जून, फिर सर्दियों में. सबसे लंबे दिन सूरज की किरण या रोशनी ज्यादा देर तक रहती है, वहीं सबसे छोटे दिन जो कि सर्दियों में होगा तब सूरज की रोशनी सबसे कम वक्त के लिए रहेगी. इस साल 21 दिसंबर को सबसे छोटा दिन होगा.
दिल्ली की बात करें तो यहां सूर्य उदय आज करीब 5:23 बजे हुआ. अब सूर्य अस्त शाम को करीब 7:21 पर होगा. यानी सबसे लंबे दिन की कुल लंबाई 13:58:01 (करीब 14 घंटे) का होगा. साउथ मुंबई में सूर्य उदय सुबह करीब 6:02 पर हुआ. अब सूर्य अस्त शाम को 7:18 पर होगा. मतलब वहां दिन की लंबाई 13:16:20 (13 घंटे से ज्यादा) होगी. इसी तरह चेन्नई में सूर्य उदय करीब 5.43 पर हुआ. अब सूर्य अस्त शाम करीब 6.37 पर होगा. वहां पूरे दिन की लंबाई करीब 13 घंटे की रहेगी.
ग्रीष्म संक्रांति का असर उत्तरी गोलार्द्ध पर रहता है क्योंकि मार्च से सितंबर के बीच यहां ज्यादा सीधी सूरज की रोशनी पड़ती है. इसी वजह से इस वक्त यहां गर्मी का मौसम भी रहता है. साल के बाकी वक्त दक्षिणी गोलार्द्ध में ज्यादा धूप रहती है.
हर साल सबसे लंबा या छोटा दिन उसी तारीख को हो, ऐसा जरूरी नहीं है. सबसे लंबा दिन 20 से 22 जून के बीच कभी भी हो सकता है. इसी तरह सबसे छोटा दिन भी हर साल थोड़ा आगे-पीछे हो सकता है. इस बदलाव के पीछे अलग-अलग कैलेंडर प्रणाली है. क्योंकि जिस कैलेंडर को अब आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है उसमें एक सामान्य साल में 365 दिन और लीप वर्ष में 366 दिन होते हैं. इस एक दिन की वजह से तारीख में बदलाव होता है