*चोला चढ़ाने के बाद हनुमानजी को गुलाब के फूल की माला पहनाएं और केवड़े का इत्र हनुमानजी की मूर्ति के दोनों कंधों पर थोड़ा-थोड़ा छिड़क दें. अब एक साबूत पान का पत्ता लें और इसके ऊपर थोड़ा गुड़ व चना रखकर हनुमानजी को इसका भोग लगाएं.
*भोग लगाने के बाद उसी स्थान पर थोड़ी देर बैठकर तुलसी की माला से यह मंत्र पढ़ते हुए कम से कम 5 बार माला जाप अवश्य करें.
मंत्र-
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे.
सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने..
*मंगलवार की शाम को समीप स्थित किसी ऐसे मंदिर जाएं, जहां भगवान श्रीराम व हनुमानजी दोनों की ही प्रतिमा हो. वहां जाकर श्रीराम व हनुमानजी की प्रतिमा के सामने शुद्ध घी के दीपक जलाएं. इसके बाद वहीं भगवान श्रीराम की प्रतिमा के सामने बैठकर हनुमान चालीसा तथा हनुमान प्रतिमा के सामने बैठकर राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें.
*मंगलवार के दिन घर में पारद (एक प्रकार की विशेष धातु) से बनी हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित करें. तंत्र शास्त्र के अनुसार पारद से बनी हनुमान प्रतिमा की पूजा करने से बिगड़े काम भी बन जाते हैं. पारद से निर्मित हनुमान प्रतिमा को घर में रखने से सभी प्रकार के वास्तु दोष स्वत: ही दूर हो जाते हैं. साथ ही घर का वातावरण भी शुद्ध होता है.
*प्रतिदिन पारद हनुमान की पूजा से किसी भी प्रकार के तंत्र का असर घर में नहीं होता और न ही साधक पर किसी तंत्र क्रिया का प्रभाव पड़ता है. यदि किसी को पितृदोष हो तो उसे प्रतिदिन पारद हनुमान प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए. इससे पितृदोष समाप्त हो जाता है.
*सुबह स्नान आदि करने के बाद बड़ के पेड़ से 11 या 21 पत्ते तोड़ लें. ध्यान रखें कि ये पत्ते पूरी तरह से साफ व साबूत हों. अब इन्हें स्वच्छ पानी से धो लें और इनके ऊपर चंदन से भगवान श्रीराम का नाम लिखें. अब इन पत्तों की एक माला बनाएं. माला बनाने के लिए पूजा में उपयोग किए जाने वाले रंगीन धागे का इस्तेमाल करें. अब समीप स्थित किसी हनुमान मंदिर जाएं और हनुमान प्रतिमा को यह माला पहना दें. हनुमानजी को प्रसन्न करने का यह बहुत प्राचीन टोटका है.
*इस मंगलवार को किसी हनुमानजी मंदिर जाएं और वहां बैठकर राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें. इसके बाद हनुमानजी को गुड़ और चने का भोग लगाएं. जीवन में यदि कोई समस्या है तो उसका निवारण करने के लिए प्रार्थना करें.
*मंगलवार को सुबह स्नान करने के बाद बड़ के पेड़ का एक पत्ता तोड़ें और इसे साफ स्वच्छ पानी से धो लें. अब इस पत्ते को कुछ देर हनुमानजी की प्रतिमा के सामने रखें और इसके बाद इस पर केसर से श्रीराम लिखें.
*अब इस पत्ते को अपने पर्स में रख लें. साल भर आपका पर्स पैसों से भरा रहेगा. इसके बाद जब दोबारा ये योग बने तो इस पत्ते को किसी नदी में प्रवाहित कर दें और इसी प्रकार से एक और पत्ता अपने पर्स में रख लें.
*हनुमान जी योगी है, जिनकी पूजा करते समय ध्यान का बहुत महत्व है. जो भी उपाय करें ज़रूरी है, उसे पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाए.