भारत में महिलाएं भले ही महत्वपूर्ण पदों पर काबिज हों लेकिन संसद में उनका प्रतिनिधित्व हमेशा से कम बना हुआ है, जो चयनित उम्मीदवारों का महज 12 प्रतिशत है. संयुक्त राष्ट्र के मंच पर भारत ने यह जानकारी दी और कहा कि देश में 90 करोड़ की संख्या वाला मजबूत मतदाता वर्ग आगामी आम चुनाव के लिये तैयार है.
महिलाओं को दिया गया है 33 फीसदी आरक्षण
संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत नागराज नायडू ने गुरुवार को कहा कि भारतीय संविधान में ऐतिहासिक 73वें संशोधन (1992) के बाद गांव, प्रखंड, जिला स्तरीय संस्थाओं सहित सभी जमीनी स्तर की संस्थाओं में महिलाओं के लिये 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया गया.
क्या है भारतीय राजनीति में महिलाओं का आंकड़ा
उन्होंने कहा कि आज भारत में 14 लाख निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं. जमीनी स्तर पर चुने गये कुल प्रतिनिधियों में 44 प्रतिशित महिलाएं हैं जबकि भारत के गांवों में मुखिया के तौर पर चुनी गई महिलाओं का प्रतिशत 43 है.
पिछले चुनावों में महज 12 फीसदी महिलाओं ने लिया था हिस्सा
नायडू ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता में महिलाएं भले ही महत्वपूर्ण पदों पर हों लेकिन राष्ट्रीय संसद में उनका प्रतिनिधित्व अब भी कम बना हुआ है. पिछले आम चुनाव में निर्वाचित प्रतिनिधियों में से महिलाओं का प्रतिशत महज 12 प्रतिशत था.’’