आज भी पटरियों पर डटे हैं आंदोलनकारी, कई ट्रेनों का संचालन ठप…

प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर तंबू लगाए हुए हैं। इसके चलते भरतपुर संभाग में दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से ठप हो गया है। शनिवार को कोटा संभाग में पश्चिम मध्य रेलवे की 7 ट्रेनों का रूट बदला गया है। 1 ट्रेन रद्द की गई है। राजस्थान में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति का आरक्षण की मांग को लेकर शनिवार को भी आंदोलन जारी है। गुर्जर समुदाय के सदस्य सवाई माधोपुर के मकसूदनपुरा में रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए है।

गुर्जर समुदाय के एक सदस्य ने शनिवार को कहा, ‘हमारे पास अच्छा सीएम और अच्छा पीएम है, हम चाहते हैं कि वह गुर्जर समुदाय की मांगें सुनें। हमारी आरक्षण की मांग पूरी करना उनके लिए कोई बड़ा काम नहीं है।’

गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने इस बार के आंदोलन को ‘आर-पार की लड़ाई’ बताया है। बैंसला सवाई-माधोपुर जिले में मलारना डूंगर के पास समर्थकों के साथ रेल लाइन पर बैठे हुए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे हालात पर करीबी निगाह रखे हुए हैं। गुर्जर नेताओं ने महापंचायत के बाद शुक्रवार से आंदोलन शुरू करने का फैसला किया। इसके बाद आंदोलनकारियों ने बयाना, गंगापुर एवं सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशनों पर कई सवारी रेलगाड़ियों को रोक दिया। भरतपुर जंक्शन रेलवे के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सवाई-माधोपुर स्टेशन पर अवध एक्सप्रेस, बयाना जंक्शन पर चंडीगढ़-कोच्चि एक्सप्रेस और हिंडौन रेलवे स्टेशन पर जनशताब्दी एक्सप्रेस को रोक लिया। आगे की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। मुंबई की ओर से दिल्ली जाने वाली रेलगाड़ियों को भी रोक लिया गया है। रेलमार्ग अवरुद्ध होने से कई रेलगाड़ियों का रास्ता बदल दिया गया है।

इससे पहले गुर्जर आरक्षण आंदोलन के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने चेतावनी दी कि आरक्षण मिलने तक वह पटरी से नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि अजमेर-जयपुर, टोंक-जयपुर, दौसा-जयपुर, कोटपुतली- राजमार्ग और रेल यातायात अवरुद्ध किया जाएगा। रेल पटरी पर बैठने के बाद बैंसला ने मीडिया से कहा कि यह आर-पार की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अपने वादे पर खरा उतरना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हालात बदल गए हैं, इस बार हम चूकेंगे नहीं।’

गुर्जर नेता अपनी मांग के समर्थन में रेल व सड़क मार्गों को अवरुद्ध करने की चेतावनी दे चुके हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य में गुर्जरों के आंदोलन का मुद्दा 14 साल से चल रहा है।

गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका-रेबारी, गड़िया लुहार, बंजारा और गड़रिया समाज के लोगों को पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है। वर्तमान में अन्य पिछडा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जर को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत अलग से आरक्षण मिल रहा है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुर्जर आरक्षण आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की। गहलोत ने कहा, ‘सरकार समाधान के लिए बेहद गंभीर है और राज्य सरकार के स्तर पर गंभीर प्रयास किया गया है। राज्य सरकार गुर्जर नेताओं से बातचीत करने को तैयार है। कांग्रेस सरकार ने पहले भी उनकी बात सुनी थी और अब भी सुनेगी। मेरी उनसे शांति बनाए रखने की अपील है।’ उन्होंने कहा कि बातचीत के लिए एक समिति का गठन किया गया है। यह समिति आंदोलनकारियों से बातचीत के जरिए समस्या सुलझाने का प्रयास करेगी।

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