स्वतंत्र भारत के पहले और सबसे ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री रहे पंडित जवाहरलाल नेहरू को उनकी पुण्यतिथि पर पूरा देश याद कर रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के समाधि स्थल ‘शांति वन’ में उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा, ‘पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन।’
राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा, ‘उनके निधन के 58 साल बाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू के विचार, राजनीति और हमारे राष्ट्र के लिए दृष्टिकोण उतने ही प्रासंगिक हैं जितने पहले थे। भारत के इस अमर सपूत के मूल्य हमेशा हमारे कार्यों और विवेक का मार्गदर्शन करें।’
इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने आधिकारीक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके कहा, ‘उनके दिमाग में दो बातें थीं।हमारे राष्ट्र की स्वतंत्रता, हमारे लोगों की समृद्धि। और पृथ्वी पर कोई भी ताकत, उस समय का सबसे बड़ा साम्राज्य भी, उन्होंने इन सपनों को साकार करने के लिए अथक प्रयास करने से कभी खुद को नहीं रोक सके । पं. नेहरू निडरता के व्यक्ति थे।’
पंडित नेहरू 1955 में भारत रत्न से हुए सम्मानित
पंडित नेहरू ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी थे। वह लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद में विश्वास रखते थे।साल 1955 में पंडित नेहरू को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। पंडित नेहरू ने देश की कमान तब संभाली, जब देश भुखमरी, गरीबी और अशिक्षा जैसी महामारी की स्थिति से गुजर रहा था।
महान लेखक थे पंडित नेहरू
पंडित नेहरू एक महान राजनीतिज्ञ और प्रभावशाली वक्ता होने के साथ-साथ महान लेखक भी थे। उनकी रचनाओं में ग्लिम्प्स ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री, इंडिया एंड द वर्ल्ड, द डिस्कवरी ऑफ इंडिया और और बायोग्राफी ‘टुवर्ड फ्रीडम’ प्रचलित हैं। इन सभी किताबों में द डिस्कवरी ऑफ इंडिया सबसे प्रचलित किताब है। इसकी किताब की रचना 1944 में अहमदनगर की जेल में हुई थी। पंडित नेहरू ने इसे अंग्रेजी में लिखा था। बाद में हिंदी में अनुवाद हुआ।