पूजा-पाठ में कपूर का इस्तेमाल किया जाता है। इसे हिन्दू धर्म के अनुसार पवित्र माना जाता है। हवन सामग्री में लौंग का विशेष महत्व है। इसके इस्तेमाल के बिना ऐसा धार्मिक कार्य अधूरा ही माना जाता है।आपने लोगों को पूजा-पाठ में लौंग का इस्तेमाल करते हुए देखा होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों किया जाता है। यदि नहीं तो आज हम आपको इस बारे बताने वाले हैं। दरअसल, हिंदू धर्म में लौंग को बहुत ही पवित्र और गुणकारी माना गया है।
जानिए पूजा में लौंग का महत्व
लौंग का इस्तेमाल पूजा-पाठ में होने के साथ-साथ औषधि के रूप में भी किया जाता है। कई बार हमारे घर पर नकारात्मक माहौल पैदा हो जाता है। घर के सदस्य आपस में छोटी-छोटी बात पर लड़ने लगते हैं। इससे उस घर की उन्नति रुक जाती है। इस स्थिति से पूजा-पाठ में लौंग का इस्तेमाल आपको बचा सकता है। लेकिन इसकी एक खास विधि बताई गई है जिसका पालन किया जाना जरूरी है।
इसके लिए आपको देसी कपूर के साथ आम की लकड़ी जलानी होगी। आम की लकड़ियों की संख्या दो या तीन भी हो सकती है। इसके बाद 11 जोड़ी लौंग लें। इस बीच इसका ध्यान रखें की लौंग टूटी हुई ना हो और साथ ही ताजी भी हो। इस लौंग को घी के साथ आग में प्रज्वलित करें। इस दौरान आप चाहें तो मंत्र जाप भी कर सकते हैं। बता दें कि यह पूजा सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद की जानी चाहिए। इस पूजा से घर की कलह समाप्त होती है और आर्थिक सम्पन्नता आती है।
लौंग के इस्तेमाल से बच्चों को लगी बुरी नजर भी दूर होती है। इससे बच्चे का खाने-पीने में मन लगता है और वह स्वस्थ्य रहता है। इसके लिए बच्चों को दुर्गा मां के चरणों में एक जोड़ा लौंग दान करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही लौंग को एक सफेद कपडे़ में बांधकर बच्चे के गले में पहनाने से भी फायदा मिलता है। कहा जाता है कि लौंग वायरल इंफेक्शन से बचाती है। इससे बीमार करने वाले कीटाणु दूर रहते हैं। इस प्रकार से लौंग के कई फायदे बताए गए हैं।