आखिर क्यों पुजारा को कहा जाता है ‘मॉडर्न वॉल’

भारतीय टीम की मॉडर्न वॉल के नाम से मशहूर चेतेश्वर पुजारा आज अपना 31वां जन्मदिन मना रहे हैं। पुजारा का जन्म 25 जनवरी 1988 को गुजरात के राजकोट में हुआ था। पुजारा की प्रारंभिक शिक्षा भी गुजरात से ही हुई थी। पुजारा BBA की पढ़ाई कर चुके हैं। बचपन में ही क्रिकेट के प्रति उनके लगाव को देखते हुए चेतेश्वर पुजारा के माता पिता ने उन्हें इस खेल के लिए प्रोत्साहित किया। क्रिकेट के शुरुआती गुर चेतेश्वर को पिता अरविंद पुजारा से सीखने को मिले जो सौराष्ट्र के लिए रणजी ट्रॉफी खेल चुके हैं। चेतेश्वर के चाचा बिपिन पुजारा भी सौराष्ट्र के लिए रणजी खेल चुके हैं।

चेतेश्वर पुजारा के लिए इस साल की शुरुआत भले ही बढ़िया नहीं रही हो, लेकिन साल का अंत उन्होंने शानदार तरीके से किया। हाल ही में पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया दौरे में अपने शानदार प्रदर्शन से यह साबित कर दिया के क्यों उन्हें मॉडर्न वॉल कहा जाता है। ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले पुजारा की टीम में विश्वस्नीयता पर सवाल उठने लगे थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में पुजारा ने अपने बल्ले से न केवल आलोचकों का मुंह बंद किया बल्कि दुनिया को अपना मुरीद भी बना लिया। पुजारा को भारतीय टीम में द वॉल कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ के मुकाबले काफी सफर तय करना है, फिर भी यह कहना गलत नहीं होगा कि वे भारतीय टीम की मॉडर्न दीवार बनने की ओर हैं और सही दिशा में भी जा रहे हैं।

यह चेतेश्वर की गहरी लगन का ही नतीजा है कि आज जब क्रिकेटर्स फटाफट क्रिकेट के ओर जा रहे हैं, उन्होंने टेस्ट टीम इंडिया में ऐसा स्थान बना लिया है कि उनके बिना टीम की कल्पना करना ही मुश्किल है। हालांकि इसके बावजूद वे आईपीएल में किसी भी फ्रेंजाइजी की पसंद नहीं बन सके। 2018 में भारतीय टीम के भरोसे के खिलाड़ी होने के बाद भी वे आईपीएल में खरीदे नहीं गए। वहीं भारतीय टीम के लिए उन्होंने आखिरी वनडे मैच साल 2014 में खेला था।

पुजारा की अपनी खास तकनीक है, वे रन बनाने में अपना समय लेते हैं। उनकी यह तकनीक टेस्ट मैच जैसे प्रारूप के बहुत ज्यादा कारगर है। उनके सॉलिड डिफेंस ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हुई टीम इंडिया की टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को बुरी तरह से फ्रस्ट्रेट करके रख दिया। पुजारा ने इस सीरीज के चार टेस्ट मैचों में तीन सेंचुरी और एक हाफ सेंचुरी के साथ कुल 521 रन बनाए और मैन ऑफ द सीरीज का खिताब भी हासिल करने में कामयाब रहे। पुजारा ने अपने 68 टेस्ट मैचों की 114 पारियों में 515.18 के औसत से 11682 रन बनाए हैं जिसमें 18 शतक शामिल हैं। इनमें से 10 शतक भारत में जबकि 8 शतक विदेश में बने हैं। इस साल उन्होंने तीन सेंचुरी और चार हाफ सेंचुरी लगाई हैं।

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