आखिर क्यों, कोई भी माँ-बाप नहीं रखना चाहते अपनी संतान का यह नाम

आखिर क्यों, कोई भी माँ-बाप नहीं रखना चाहते अपनी संतान का यह नाम

जब किसी घर में कोई बच्चा जन्म लेता है तो सभी के मन में यही इच्छा होती है की उसका नाम क्या होगा और किस अक्षर से प्रारंभ होगा. लेकिन बहुत से व्यक्ति अपने बच्चे का नाम पौराणिक आधार पर रखते है जैसे करन, अर्जुन, सीता, राम, किशन आदि. किन्तु पुराणों में कई नाम ऐसे भी है जिन्हें कोई भी नहीं रखना चाहता. इसके पीछे क्या तर्क है आइये जानते है कुछ ऐसे ही नाम के विषय में जो कोई नहीं रखना चाहता.आखिर क्यों, कोई भी माँ-बाप नहीं रखना चाहते अपनी संतान का यह नाम

विभीषण – यह नाम रावन के भाई का था इसका अर्थ है वह व्यक्ति जिसे कभी गुस्सा न आता हो. इस नाम का अर्थ इतना सुन्दर है फिर भी कोई अपने बच्चे का नाम विभीषण नहीं रखना चाहता इसका कारण विभीषण के द्वारा भगवान राम को रावण की मृत्यु का रहस्य बताना है इसी वजह से विभीषण के विषय में एक कहावत प्रसिद्द है घर का भेदी लंका ढाए.

मंदोदरी – मंदोदरी नाम का अर्थ उस महिला से है जो बहुत दयालु और अच्छे गुणों की है. इसके बाद भी कोई  अपनी पुत्री का नाम मंदोदरी क्यों नहीं रखता इसके पीछे कारण यह है की मंदोदरी रावण की पत्नी थी और रावण ने सीता माता का हरण किया था.

अश्वत्थामा – अश्वत्थामा एक वीर योद्धा था किन्तु अपने बुरे कर्मो के कारण भगवान कृष्ण श्राप का पात्र बना. इसी कारण से कोई अपने पुत्र का नाम अश्वत्थामा नहीं रखता.

गांधारी – गांधारी एक महान और बहुत गुणी स्त्री थी किन्तु कुरु वंश में विवाह कर उन्होंने 100 पुत्रों को जन्म दिया जिसमे सबसे बड़े पुत्र का नाम दुर्योधन था. गांधारी के जीवित होते हुए ही उसके सभी पुत्र युद्ध में मारे गए. इसी कारण से कोई अपनी पुत्री का नाम गांधारी नहीं रखना चाहता.

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