आखिर क्या है धारा 35A, जिससे कश्मीर घाटी को लेकर पाकिस्तान में मचा हड़कम्प

पुलवामा आतंकी हमले के बाद से पूरे देश में तनाव भारी  की स्थिति बनी हुई है. आतंकी संगठन जैश के  इस घटने  की जिम्मेदारी लेने के बाद से PM नरेंद्र मोदी से लेकर पूरे देश में आक्रोश है शनिवार को पीएम मोदी ने  पाक के खिलाफ से पूरा हिसाब किताब  बराबर करने की चेतावनी दी है. तो वहीं, दूसरी तरफ अनुच्छेद 35ए पर संभावित सुनवाई से पहले कश्मीर घाटी में हालात और संवेदनशील हो गए हैं.

150 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया

सोमवार को संविधान की धारा 35ए पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होना संभावित है और इससे पहले सरकार ने अलगाववादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की और 150 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया. इससे शनिवार को कश्मीर घाटी में तनाव व्याप्त हो गया. शांति व्यवस्था के मद्देनजर सरकार ने घाटी के इलाकों में धारा 144 लागू कर दी है.

बताते चले जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और 24 घंटों में घाटी में बदले हालात ने पाकिस्तान की धड़कनें तेज कर दी हैं। 100 अतिरिक्त पैरामिलिट्री कंपनियों के कश्मीर भेजे जाने की खबर जैसे ही पाकिस्तान पहुंची, वहां की सरकार में खलबली मच गई। शनिवार को कुछ घंटों के भीतर ही पाकिस्तान के विदेश विभाग ने दोनों देशों के बीच तेजी से बिगड़ते हालात पर नजर रखने के लिए एक स्पेशल सेल गठित कर दी। आपको बता दें कि शनिवार को सीमा पर पाकिस्तान की गोलीबारी का भारतीय सुरक्षा बलों ने मुंहतोड़ जवाब भी दिया है।

जरूरी चीजों के इंतेजाम का आदेश

सरकार की तरफ से स्थानीय प्रशासन को बुनियादी चीजों के इंतेजाम करने के निर्देश दिए हैं. प्रशासन से दवा और खाने-पीने की जरूरी चीजों का स्टॉक रखने के लिए कहा गया है.

महबूबा ने जताई नाराजगी

सरकार ने अनुच्छेद 35 ए पर सुनवाई से पहले यासीन मलिक समेत कई अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया. हालांकि, पुलिस ने इसे नियमित प्रक्रिया करार देते हुए कहा कि कुछ नेताओं और संभावित पत्थरबाजों को हिरासत में लिया गया है. लेकिन अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार करने का सरकार का कदम घाटी में नेताओं को रास नहीं आ रहा. पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इसे लेकर भी नाराजगी जाहिर की है.

मीरवाइज ने कहा- ऐसे तो स्थिति और खराब होगी

वहीं, हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुक ने जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में लेने और जमात-ए-इस्लामी जम्मू एंड कश्मीर के नेताओं पर छापेमारी के खिलाफ नाराजगी जताई. मीरवाइज ने कहा कि बल प्रयोग और डराने से स्थिति केवल खराब ही होगी.

मीरवाइज ने ट्विटर पर लिखा, ‘जमात-ए-इस्लामी नेतृत्व और इसके कार्यकर्ताओं पर रात में हुई कार्रवाई और यासीन मलिक की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करता हूं. कश्मीरियों के खिलाफ इस तरह के गैरकानूनी और कठोर उपाय निरर्थक हैं और जमीन पर वास्तविकताएं नहीं बदलेंगी. बल प्रयोग और डराने से स्थिति केवल खराब होगी.’

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