आंखाें के सामने नजर आ रहे काले धब्बे? Eye Cancer हो सकता है कारण

आंखें हमारे शरीर का सबसे नाजुक हिस्सा हैं इसलिए इनकी देखभाल करना सबसे ज्‍यादा जरूरी होता है। वरना कई बीमार‍ियों का खतरा बढ़ जाता है। उन्‍हीं में से आई कैंसर एक दुर्लभ बीमारी है जो आंखों या उसके आस-पास के क्षेत्रों में शुरू होती है। समय पर लक्षणों को पहचानना जरूरी है।

आंखें हमारे शरीर का सबसे नाजुक ह‍िस्‍सा होती हैं। इन्‍हीं से हम इस खूबसूरत दुन‍िया को देख पाते हैं। अगर जरा भी लापरवाही बरती जाए तो आंखों की बीमारि‍यां हो सकती हैं। उन्‍हीं में से Eye Cancer भी शाम‍िल है। Cancer एक जानलेवा बीमारी है। अगर समय रहते इनके लक्षणों को नहीं पहचाना गया तो ये जानलेवा रूप भी ले सकती है। जब भी हमें कोई बीमारी होती है तो उसके लक्षण पहले से नजर आने लगते हैं।

आंखों में कैंसर होने पर भी ऐसा ही होता है। कैंसर होने पर कुछ बदलाव पहले से नजर आने लगते हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है। आज का हमारा लेख भी इसी व‍िषय पर है। हम आपको बताएंगे क‍ि Eye Cancer क्‍या होता है? साथ ही इसके लक्षण और कारणों के बारे में भी जानेंगे। आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से –

क्या होता है Eye Cancer?
क्‍लीवलैंड क्‍लीन‍िक के मुताब‍िक, आंख का कैंसर एक दुर्लभ बीमारी है। ये आंखों या उसके आस-पास की जगहों से शुरू होता है। ये तब होता है जब सेल्स जरूरत से ज्‍यादा बढ़ने लगती हैं और एक गांठ यानी ट्यूमर बना लेती हैं। ये ट्यूमर कभी-कभी नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन कई बार ये कैंसर का रूप ले लेता है। इसे मेलिग्नेंट कहा जाता है। आपको बता दें क‍ि ये कैंसर फैल सकता है और शरीर के दूसरे हिस्सों को भी प्रभाव‍ित कर सकता है। इसीलिए कहा जाता है क‍ि समय रहते इसकी पहचान कर इलाज कराना जरूरी है।

सबसे आम आंख का कैंसर कौन सा है?
इन्ट्राओकुलर मेलानोमा आंख का सबसे आम कैंसर मानी जातीह है। ये अक्सर आंख के बीच के हिस्से कोरॉइड में शुरू होता है।

आई कैंसर के लक्षण
बिना दर्द के कम दिखाई देना
आंखों से धुंधला नजर आना
आंखों के सामने रोशनी की चमक या धब्बे दिखना
आंख का बाहर की ओर उभर आना
आंखों में जलन होना
आंख की पुतली में काला धब्बा नजर आना
पलकों या आंख के अंदर कोई गांठ बनना
आंख की पोजिशन या मूवमेंट में बदलाव

कैसे होती है आंख के कैंसर की शुरुआत ?
आपको बता दें क‍ि ये कैंसर तब होता है जब शरीर की सेल्‍स कंट्रोल से बाहर बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर बना लेती हैं। ये ट्यूमर धीरे-धीरे टूटकर खून या लिम्फ के जरिये शरीर के दूसरे हिस्सों में पहुंच सकते हैं। ऐसा होने पर इसे मेटास्टेसिस कहते हैं। इसका साफ मतलब ये होता है कि बीमारी आगे बढ़ चुकी है।

आंख के कैंसर का कारण
ये बीमारी ज्यादातर 50 साल से ज्यादा उम्र वालों में देखने को म‍िलती है।
साफ त्वचा वालों में इसका खतरा ज्यादा होता है।
हल्के रंग (नीली, हरी) वाली आंखों में खतरा ज्यादा होता है।
कुछ जेनेट‍िक बीमारियां जैसे Dysplastic nevus syndrome या BAP1 ट्यूमर सिंड्रोम इसका खतरा बढ़ा सकते हैं।
कई मामलों में ज्यादा UV किरणों के संपर्क में आने से भी इसका खतरा बढ़ सकता है।

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