कई बार चोट इतनी गंभीर होती है कि लोग अपनी जान भी गवां देते हैं। चीन में रोबोट की वजह से कर्मचारियों की मौत के कुछ ऐसे मामले सामने भी आए हैं। मनुष्यों और रोबोट में होने वाले इस टकराव को ध्यान में रखते हुए अब वैज्ञानिकों ने एक नई एल्गोरिद्म विकसित की है, जिसकी मदद से रोबोट मनुष्य की मौजूदगी का अहसास कर सकेंगे।
उन्हें आसानी से पता लग जाएगा कि मनुष्य आनेजाने के लिए किस रास्ते का प्रयोग कर रहे हैं। इस एल्गोरिद्म की मदद से कारखानों में लोग मशीन के साथ सुरक्षित रूप से काम कर सकेंगे। अमेरिका की मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के शोधकर्ताओं ने यह एल्गोरिद्म बनाई है जो यह पता लगाने में सक्षम है कि सामने से आ रहे व्यक्ति की गति क्या है और उससे बचने के लिए उसे कितनी देर में किस दिशा में मुड़ना है।एक रोबोट को यह समझने और मॉनीटर करने में मदद करते हैं कि कब उसे रुकना है कब चलना है। यह तकनीक उन तरीकों में से एक है जिससे और बेहतर समझ वाले रोबोट तैयार किए जा सकते हैं। साथ ही लोगों के साथ काम करने में भी इन्हें आसानी होगी। रोबोट को मनुष्यों की गतिविधियों की पहचान कराने के लिए शोधकर्ताओं ने इस एल्गोरिद्म में डाटा के रूप में मनुष्य की भिन्न-भिन्न प्रकार की चालों, यहां तक की डांस की गतिविधियों का भी इस्तेमाल किया। हर मनुष्य के चलने-फिरने का अपना एक तरीका होता है। कुछ लोग सीधे चलते हैं, कुछ झूमकर। नई एल्गोरिद्म के जरिए रोबोट में ऐसी क्षमता विकसित होती है कि वह गतिविधियों को आसानी से भांप सकता है।
सटीक परिणाम- एल्गोरिद्म के परीक्षण के लिए शोधकर्ताओं ने एक फैक्टरी के रोबोट में इसे इंस्टॉल किया और पाया कि किसी भी रास्ते पर लोगों के आने से पांच सेकेंड पहले ही रोबोट ने अपना रास्ता बदल लिया। काम के दौरान किसी मनुष्य के बीच में आने पर रोबोट अपने आप रुक गया। एमआइटी की एसोसिएट प्रोफेसर जूली शाह ने कहा कि भविष्य में इस एल्गोरिद्म के जरिये रोबोट कारखानों के साथ-शाथ घरों में भी कई कामों में हाथ बंटा सकते हैं।