इंसान के जीवन में बुरे दिन कभी बताकर नहीं आते। फर्ज कीजिये कभी ऐसा हो जाए कि आपके पास नौकरी भी न बचे और अगर आप बिजनेस करते हैं तो वह भी फेल हो जाए ऐसी हालत में आप अपने होम लोन का पेमेंट कैसे करेंगे।

इसका मतलब ये कतई नहीं है कि आपका घर आपसे छीन लिया जाएगा और बैंक या कर्जदाता उसे बेचकर अपने बकाए का भुगतान कर लेंगे। अगर होम लोन लिया हुआ व्यक्ति कर्ज को चुकाने में कभी चूक जाता है तो ऐसा भी नहीं है कि वह घर पर अपने अधिकार को खो देता है। इस खबर में जानिए लोन डिफ़ॉल्ट होने पर कर्जदाता और होम लोन लेने वाले के पास क्या अधिकार हैं।
90 दिनों का नोटिस
यदि लोन लेने वाला लगातार तीन महीने तक ईएमआई का भुगतान नहीं का पाता तो लोन अकाउंट को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के रूप में चिन्हित कर लिया जाता है। यदि कोई लोन अकाउंट एनपीए हो जाता है, तो बैंक को पहले लोन लेने वाले को 60 दिन का नोटिस जारी करना होता है। यदि लोन लेने वाला नोटिस अवधि के भीतर लोन चुकाने में विफल रहता है, तो बैंक उस संपत्ति की बिक्री कर सकता है। मान लीजिए अगर बैंक उस संपत्ति को बेचने जा रहा है तो सबसे पहले बैंक बिक्री के डिटेल के बारे में बताते हुए 30-दिव का सार्वजनिक नोटिस देगा।
संपत्ति का उचित मूल्यांकन
जब बैंक संपत्ति को बेचने जाता है तो उसे उस संपत्ति के उचित मूल्य, उसका रिजर्व मूल्य, किस दिन को नीलामी होनी है और इसका समय क्या होगा इस बारे में नोटिस जारी कर बताना होगा। उस घर का उचित मूल्य क्या होगा इसकी गणना बैंक के मूल्यांकनकर्ता करते हैं। यदि लोन लेने वाले को ये लगता है कि बैंक द्वारा निर्धारित संपत्ति का मूल्य कम है या संपत्ति का मूल्यांकन सही ढंग से नहीं किया गया है, तो वह वर्तमान नीलामी में हिस्सा ले सकता है। ऐसे मामलों में खरीदार को नए खरीदार की तलाश करने और उसे कर्जदाता के बारे में बताने का अधिकार है।
कर्ज चुकाने के बाद बचे पैसे पर आपका अधिकार
यदि बैंक अपनी बकाया राशि वसूलने के लिए आपकी संपत्ति की नीलामी करता है, तो बैंक के बकाया राशि के क्लीयर होने के बाद बाकी बचे रकम पर आपका अधिकार होता है। इसलिए लोन लेने वाले को नीलामी की प्रक्रिया पर ध्यान रखना चाहिए।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal