ब्लेक के पक्ष में उतरे हैं। उन्होंने जैकब को सात गोली मारने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग की है। इन खिलाडि़यों में प्रमुख रूप से पूर्व मुक्केबाज लैला अली, न्यू ऑरलियन्स लाइनबैक डेमेरियो डेविस, फुटबॉल स्टार मेगन रापिनो, डब्ल्यूएनबीए की डायना तौरसी और एलेना डेल डोने और एनएफएल के पूर्व खिलाड़ी डौड बाल्डविन और माइकल बेनेट शामिल है। इन खिलाडि़यों ने देश में पुलिस हिंसा को समाप्त करने के लिए आह्वान किया है। खिलाडि़यों ने कहा देश में काले और गोरे की हिंसा बंद होनी चाहिए।

8वें दिन बाद भी पुलिस के खिलाफ लोगों का गुस्सा
गौरतलब है कि अमेरिका के विस्कॉन्सिन में अश्वेत नागरिक जैबक को गोली मारने की घटना के 8वें दिन बाद भी पुलिस के खिलाफ लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ है। प्रदर्शनकारी लगातार सड़कों पर उतरकर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। विस्कॉन्सिन ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में भी इस घटना के खिलाफ प्रदर्शनकारियों का गुस्सा फूट रहा है। शनिवार को भी केनोशा स्थित अदालत के बाहर करीब एक हजार प्रदर्शनकारियों की भीड़ एकत्रित होकर एक व्यक्ति एक मत, सात गोली, सात दिन और न्याय बिना शांति नहीं के नारे लगाए।
अदालत के बाहर जमकर हुआ प्रदर्शन
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के बीच एक बार फिर से अश्वेत मामला जोर पकड़ रहा है। अमेरिका के विस्कॉन्सिन में एक अदालत के बाहर शनिवार को ‘एक व्यक्ति एक मत,’ ‘न्याय बिना शांति’ नहीं के नारे के साथ सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी केनोशा स्थित अदालत परिसर की ओर बढ़ते हुए ‘सात गोली, सात दिन’ का नारा भी लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों में शामिल ब्लेक के पिता ब्लेक सीनियर ने व्यवस्था पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि यह पुलिस की बर्बरता और नस्लीय भेदभाव को बढ़ावा देता है। इस क्रम में उन्होंने व्यवस्था में बदलाव का आह्वान किया। उन्होंने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि उनके पुत्र को दर्द निवारक दवाइंयां दी जा रही है। वह होश में है। वह बहुत दर्द में है।
जैकब को पुलिसकर्मी ने सात गोलियां मारी
बता दें कि बीते रविवार को जैकब को पुलिसकर्मी ने उस वक्त पीछे से सात गोलियां मारी थीं, जब वो अपनी कार में बैठने जा रहा था। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद हालात कई जगहों पर बेकाबू हो गए थे। प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर पुलिस की गाडि़यों समेत कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचाया था। इसके बाद विस्कॉन्सिन में गर्वनर को इमरजेंसी तक लगानी पड़ी थी। जैकब के परिजनों के वकील का कहना है कि अब वह कभी अपने पांव पर चल नहीं सकेगा। गोलियां लगने की वजह से उसके शरीर को लकवा हो गया है।
आखिर कौन है जैकब ब्लेक
जैकब ब्लेक का जन्म शिकागो के बाहर एक शहर इवेन्सटन में हुआ था। इसके बाद पूरा परिवार केनोशा आ गया। जैकब का पूरा परिवार सोशल वर्क से जुड़ा हुआ है। उनके दादा चर्च में पादरी हुआ करते थे। साथ ही वह सिविल राइट्स मूवमेंड का भी हिस्सा रहे। इस दौरान वे लगातार वह नस्लीय आंदोलन का विरोध करते रहे हैं। खुद जैकब कई तरह की सोशल सर्विस से जुड़े हुए हैं। वह ब्लैक अरबन चैरिटी के लिए काम करते हैं। ये चैरिटी एलुमिनियम बोतलें जमा करके उन्हें रिसाइकल करती है और उससे कम्युनिटी सर्विस करती है। इस घटना के पूर्व अदालत को पता चला कि जैकब के खिलाफ यौन हिंसा, घर में जबरन घुसने के चलते वारंट जारी हुआ था। हालांकि, ये साफ नहीं हुआ है कि तब घटनास्थल पर पुलिस को इसकी जानकारी थी या नहीं। पुलिस के अनुसार वह एक घरेलू हिंसा के मामले को लेकर वहां पहुंचे थे।
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