महिला अधिकार संस्था में ‘अवैध नियुक्तियों’ के मामले में दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली की एक अदालत ने मालीवाल एवं अन्य के खिलाफ महिला अधिकार संस्था में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को विभिन्न पदों पर नियुक्त करने के लिए पद का दुरुपयोग करने के आरोप में भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के तहत आरोप तय करने के आदेश दिए हैं। इस बीच दिल्ली महिला आयोग की पूर्व प्रमुख बरखा शुक्ला ने आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने आम आदमी पार्टी पर ‘अवैध नियुक्तियों’ में शामिल होने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि जिन्हें भर्ती किया गया उनके पास पदों के अनुरूप शैक्षिक योग्यता नहीं थी।
बरखा शुक्ला का यह बयान विशेष अदालत द्वारा मालीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के आरोप तय करने का आदेश दिए जाने के बाद आई है। अदालत ने मामले में प्रथम दृष्टया पाया कि आरोपियों ने आयोग में विभिन्न पदों पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को अपने पद का दुरुपयोग किया था। बरखा शुक्ला इस मामले में शिकायतकर्ता भी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नियुक्तियों में पूरी ‘धोखाधड़ी’ आम आदमी पार्टी की निगरानी में हो रही है। साल 2015 के बाद से दिल्ली महिला आयोग में नियुक्तियां नियमों के अनुसार नहीं की गईं। यहां तक कि मालीवाल की सचिव आईएएस अधिकारी अर्चना अरोड़ा ने अनुचित व्यवहार के कारण इस्तीफा तक दे दिया था।
बरखा शुक्ला ने आरोप लगाया कि मालीवाल एवं अन्य ने अपने लोगों की भर्तियां की। जिन्हें नियुक्त किया गया उनको लगभग 1 लाख रुपये तक का वेतन दिया जाता है। नियुक्तियों में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। मालीवाल के सचिव को आईएएस अधिकारी होना चाहिए। पहले अर्चना अरोड़ा इस पद पर थीं लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया क्योंकि आरोपियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। फिर जिनकी भर्ती की गई वो आईएएस श्रेणी से नहीं थे। यह AAP का धोखा है। सब कुछ आम आदमी पार्टी की निगरानी में हो रहा है। वे वही करते हैं जैसा वो चाहते हैं। नियुक्त किए गए लोगों के शिक्षा के स्तर और सामाजिक कार्यों के अनुभव की जांच नहीं की गई। मैंने इस बारे में साल 2015 में ही शिकायत की थी, अब जाकर यह भ्रष्टाचार उजागर हुआ है।
उल्लेखनीय है कि डीसीडब्ल्यू की पूर्व अध्यक्ष और भाजपा विधायक बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मामला दर्ज किया था। दिल्ली की विशेष अदालत ने स्वाति मालीवाल और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के आरोप तय करने के आदेश दिए। साथ ही डीसीडब्ल्यू की पूर्व सदस्य प्रोमिला गुप्ता, सारिका चौधरी और फरहीन मलिक पर भी केस चलाने को कहा। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया लगता है कि जिन नियुक्तियों पर सवाल उठाया गया है, वे आरोपियों की मिलीभगत करके की गईं। अदालत ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) (लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया।