रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठन के साथ भव्यतम मंदिर को लेकर बेकरारी सातवें आसमान पर है। कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्होंने पत्र भेजकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रामलला के भव्यतम मंदिर निर्माण की मांग की है।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की निरंतर वृद्धि और मंदिर निर्माण के लिए वर्षों से अनुष्ठान करते आ रहे रामादल ट्रस्ट के अध्यक्ष पं. कल्किराम ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर रामलला के भव्यतम मंदिर निर्माण की इच्छा जताई है। उन्होंने प्राचीन काल में रामजन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर का हवाला भी दिया है, जो छह सौ एकड़ क्षेत्र में विस्तृत था और उसका कलश इतना ऊंचा एवं चमकदार था, जिसे 40 किलोमीटर दूर से देखा जा सकता था। मंदिर की दावेदारी से जुड़े रहे दंतधावनकुंड पीठाधीश्वर महंत नारायणाचारी ने भी प्रधानमंत्री को पत्र भेज कर भव्यतम मंदिर की आकांक्षा जताई है।
पत्र में उन्होंने कहा है कि भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं और उनका किरदार अछ्वुत-अद्वितीय है। इसी किरदार के अनुरूप उनका मंदिर भी अछ्वुत-अद्वितीय होना चाहिए। उन्होंने पत्र में रामजन्मभूमि मुक्ति के लिए 491 वर्ष तक चले सुदीर्घ संघर्ष का भी स्मरण कराया है और कहा है कि रामजन्मभूमि की मुक्ति के लिए जितना लंबा संघर्ष चला है, मंदिर निर्माण की भव्यता भी इसी हिसाब से तय होनी चाहिए। महंत नारायणाचारी हों या पं. कल्किराम। उन्हें प्रधानमंत्री पर पूरा भरोसा है कि वे रामभक्तों की भावनाओं के अनुरूप रामलला के भव्यतम मंदिर का निर्माण सुनिश्चित कराएंगे।
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