अयोध्या। रामनगरी को विश्व स्तरीय आध्यात्मिक मेगा सिटी के रूप में विकसित करने के लिए नियुक्त हुई कंसलटेंट टीम अयोध्या की 10 प्रमुख विकास योजनाओं का डीपीआर तैयार करेगी।
साथ ही अयोध्या आने वाले पर्यटक व श्रद्धालुओं के लिए यात्री निवास पार्किंग स्थल व धर्मशालाएं बनाए जाने के लिए सरकारी भूमि को चिह्नित किए जाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए राजस्व टीम को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
अयोध्या विकास प्राधिकरण महायोजना 2031 की गुरुवार को समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में सर्वप्रथम अयोध्या को पर्यटन सिटी बनाने के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की बात कई गई।
इसमें निर्णय लिया गया कि अयोध्या आने वाले पर्यटक व श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो इसके लिए यात्री निवास, पार्किंग स्थल व धर्मशालाएं बनाई जाएंगी। इन सुविधाओं के लिए सरकारी भूमि का इस्तेमाल किया जाएगा।
इसके लिए नजूल, नॉन जेडए आदि प्रकार की सरकारी भूमि की सूचना अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व व एसडीएम सदर को मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल ने देने की बात कही।
साथ ही विकास एरिया में भू उपयोग को भी प्रस्तावित किए जाने का निर्णय दिया गया। इसके अलावा अयोध्या के विकास के लिए चयनित ग्लोबल कंसलटेंट टीम को 10 प्रमुख योजनाओं का डीपीआर बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
इसमें प्रमुख रूप से सोलर सिटी ग्रीन सिटी, राम जन्मभूमि के सभी संपर्क मार्ग, कुंडों का सौंदर्यीकरण, स्मार्ट रोड सरयू ब्रिज से नया घाट, अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र व 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित समस्त कुंडों का डीपीआर कंसलटेंट टीम को बनाने के लिए निर्देशित किया गया।
साथ ही अयोध्या के अंदर आने वाले सभी छह प्रमुख मार्गों पर पार्किंग स्थल व पर्यटन सुविधा केंद्र बनाने के लिए भी डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया।
इन सभी प्रमुख छह मार्गों पर भूमि क्रय किए जाने के साथ निर्माण लागत का डीपीआर बनाया जाना है। बैठक में मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल, वीसी विशाल सिंह, सचिव आरपी सिंह व कलसंटेंट टीम के सदस्य समेत विभागों के लोग मौजूद रहे।