रामनगरी अयोध्या को उसकी गरिमा के अनुरूप सजाने-संवारने का काम तेज हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के बाद अयोध्या को वर्ल्ड क्लास की सिटी के रूप में तब्दील करने के साथ ही उसकी संस्कृति और धार्मिकता के अनुसार विकास पर जोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में अयोध्या के 14 कोसी, पंचकोसी व राम वनगमन मार्ग सहित शहरी क्षेत्रों में 27 हजार 720 रामायण कालीन पौधों के रोपण की तैयारी है, ताकि अयोध्या आने वाले भक्तों को त्रेतायुग का अहसास हो। साथ ही परिक्रमा मार्गों पर जन सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
रामनगरी अयोध्या का विकास उसकी धार्मिकता व गौरव के अनुरूप किए जाने पर सरकार का फोकस है। इसी क्रम में परिक्रमा मार्ग सहित राम वनगमन मार्ग को रामायण कालीन वृक्षों से आच्छादित किया जाएगा। रामनगरी में आस्था के चौदहकोसी और पंचकोसी परिक्रमा पथ के सुदृढ़ीकरण व जनसुविधाओं को लेकर भी कवायद शुरू हो गई है। हर वर्ष 15 से 20 लाख श्रद्धालु परिक्रमा करते हैं।
राममंदिर निर्माण होने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 20 से 25 लाख होने का अनुमान लगाया जा रहा है। परिक्रमा मार्ग की बदहाली के चलते आस्था के पथ पर भक्तों के पांव छलनी होते हैं। भक्तों की सुविधा के लिए अब परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण के साथ सुदृढ़ीकरण की योजना भी तैयार हो चुकी है। इस परिक्रमा मार्ग पर कई ऋषि-मुनियों के आश्रम सहित तमाम प्राचीन मंदिर हैं।
जिनसे भक्तों की आस्था जुड़ी है। यहां तक भक्तों का आवागमन सुगम बनाने का प्रयास है। इसके साथ ही पूरे परिक्रमा मार्ग को रामायणकालीन दृश्यों से भी सजाया जाएगा। साथ ही साथ परिक्रमा मार्गों सहित रामवनगमन मार्ग व शहरी क्षेत्रों में कुल 27720 पौध रोपण की तैयारी की जा रही है।
शहरी क्षेत्रों में नयाघाट से लेकर गुप्तारघाट तक 10 किलोमीटर के क्षेत्र में भी रामायणकालीन पौध लगाए जाएंगे। इसके पीछे का उद्देश्य अयोध्या के वातावरण को इकोफ्रेंडली बनाना है। इसी के तहत मौलिश्री, पीपल, बरगद, अशोक आदि पौधे का रोपण किया जाएगा। इनकी सुरक्षा के भी प्रबंध होंगे।
वनवास के लिए भगवान श्रीराम द्वारा चुने गए अयोध्या में राम वन गमन मार्ग को वृक्षों से सजाया जाएगा। पौधरोपण अभियान प्राचीन नदी तमसा के किनारे भी चलाया जाएगा। बीकापुर के पास राम वन गमन मार्ग पर तमसा नदी के किनारे दो स्थानों पर पौधे लगाए जाएंगे। कहा जाता है कि भगवान राम ने वनवास के लिए अयोध्या छोड़ने से पहले एक रात इसी नदी के किनारे बिताई थी।
राम वन गमन मार्ग चित्रकूट तक फैला हुआ है और लगभग 22 किमी. का मार्ग अयोध्या में तमसा नदी के किनारे स्थित है। वन विभाग ने पौधरोपण के लिए मार्ग की पहचान कर ली है और अयोध्या में पड़ने वाले छह स्थलों को इसके लिए चुना गया है। अधिकारियों के अनुसार, पौधरोपण भूमि की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।
अभी तक, दरबगंज और महादेवघाट के बीच के दो स्थानों को पौधरोपण के लिए चुन लिया गया है। ये अयोध्या में राम वन गमन मार्ग के दो छोर हैं। श्रवण कुमार के ‘समाधि’ मार्ग पर भी पौधरोपण किया जाएगा।
अयोध्या के परिक्रमा मार्गों सहित रामवनगमन मार्ग व शहरी क्षेत्रों को रामायण कालीन वृक्षों से आच्छादित करने की योजना है। यह काम बरसात के महीने में जून, जुलाई माह से शुरू कर दिया जाएगा। कुल मिलाकर 27720 पौधे लगाए जाएंगे। पौधरोपण के लिए रामवनगमन मार्ग सहित शहरी क्षेत्रों में स्थानों को चिह्नित कर लिया गया है। नयाघाट से लेकर गुप्तारघाट तक भी पौधरोपण किया जाएगा। रामायण कालीन वृक्ष अयोध्या में त्रेतायुग का अहसास कराएंगे।- मनोज खरे, प्रभागीय वनाधिकारी, अयोध्या