अवस्थी ने कहा कि मस्जिद के लिए अभी कोई भूमि चिह्नित नहीं की गई है। गौरतलब है कि 9 नवंबर को राम मंदिर मुद्दे पर आए निर्णय में अयोध्या में ही मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने के निर्देश दिए गए थे। यह जमीन अयोध्या में किस स्थान पर दी जाएगी, इस पर निर्णय राज्य सरकार को करना है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई खबरें चल रही हैं जिसे अपर मुख्य सचिव गृह ने भ्रामक बताया।
बता दें कि अयोध्या मामले पर 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया था। जिसे मुस्लिम समुदाय ने स्वीकार कर लिया। हालांकि, कुछ मुस्लिम पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी जिसे बिना बहस के ही खारिज कर दिया गया। इसके बाद बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने क्यूरेटिव याचिका दायर की थी। वहीं, मामले के मुख्य पक्षकार रहे इकबाल अंसारी व सुन्नी वक्फ बोर्ड ने फैसले का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या फैसले पर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद, अब देश, नई उम्मीदों, आकांक्षाओं के साथ नए रास्ते पर, नए इरादे लेकर चल पड़ा है। न्यू इंडिया, इसी भावना को अपनाकर शांति, एकता और सद्भावना के साथ आगे बढ़े- यही मेरी कामना है। हम सबकी कामना है। देश हित में शांति, एकता और सदभावना के मूल्य सर्वोपरि हैं। माननीय न्यायालय के फैसले को सभी देशवासियों द्वारा सम्मान और सहज, संयम और शांति से स्वीकार करना परिपक्वता का परिचय है।