अयोध्या। कनाडा की ग्लोबल कंसलटेंट एलईए एसोसिएट्स अपनी सहयोगी कंपनी सीपी कुकरेजा व लार्सन एंड ट्रूब्रो के साथ 17 फरवरी को अयोध्या पहुंचेगी। तीनों कंपनियां रामनगरी के लिए विजन डाक्यूमेंट तैयार करेंगी। कंपनी जिले में दौरा कर 84 कोस परिक्रमा का समन्वित प्लान व 21 विकास कार्यों के लिए डीपीआर बनाएगी। हालांकि इस पर कार्य शुरू होने में छह माह का समय लग सकता है।
अयोध्या विकास प्राधिकरण ने अयोध्या को विश्वस्तरीय पर्यटन सिटी के रूप में विकसित करने को एक रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) बनाया था। इसमें समस्त विभागों के समन्वित विकास के साथ अयोध्या के 84 कोस को आध्यात्मिक मेगा सिटी के रूप में विकसित करने की डीपीआर शामिल है। इसके लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण ने तीन चरणों में कार्य करने की योजना बनाई थी।
प्रथम चरण में एक ग्लोबल कंसलटेंट टीम का चयन। इसकी प्रक्रिया मंगलवार को पूर्ण हो गई है। कनाडा की बड़ी आर्किटेक्ट कंपनी एलईए एसोसिएट्स को बतौर कंसलटेंट नियुक्त किया गया है। इसके साथ दो बड़ी ग्लोबल कंपनियां सीपी कुकरेजा व लार्सन एंड टब्रो भी कार्य करेंगी। दूसरे चरण की प्रक्रिया अयोध्या का विजन डाक्यूमेंट तैयार किया जाना है।
जिसमें विकास की रूपरेखा सामने आएगी। विजन डाक्यूमेंट में मुख्य रूप से अयोध्या के लघु, मध्यम व दीर्घकालिक विकास की रणनीति तैयार करनी होगी। बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने और पर्यटन संबंधित परियोजनाओं की पहचान करना आवश्यक होगा। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के लिए क्षेत्रीय परिवहन की व्यवस्था, सिटी लेवल ट्रांसपोर्ट का इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को ध्यान में रखना होगा।
इसके अलावा टूरिस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, इलेक्ट्रिक वाहन, गैर मोटर चलित वाहन, हेरिटेज इंफ्रास्ट्रक्चर, भूमिगत होने वाली सीवर, जल, बिजली, नाले के साथ सौर ऊर्जा को स्रोतों को ध्यान में रखा जाएगा। इसमें कंसलटेंट टीम को राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक व सरकारी संस्थाओं से सुझाव लेने होंगे। यह कार्य पूरा करने में छह माह लगेगा।
इसके उपरांत तीसरे व अंतिम चरण की शुरूआत होगी। इसमें कंसलटेंट टीम अयोध्या विकास प्राधिकरण के सहयोग से अयोध्या के समन्वित विकास संबंधित 21 विकास कार्यों का प्लान व डीपीआर बनाएंगी। इसमें समस्त विभागों में चल विकास कार्यों एवं प्रस्तावों को समाहित करते हुए लंबे समय तक चलने वाले प्लान व डीपीआर बनेंगे।
अयोध्या के समन्वित विकास के लिए वैसे तो कंसलटेंट टीम को 21 छोटे-बड़े डीपीआर बनाने होंगे लेकिन इसमें नौ बड़े डीपीआर अयोध्या के विकास की रूपरेखा तय करेंगे। इनमें मुख्य रूप से शहर का वित्तीय मोबिलाइजेशन, आवासीय संरचना, भौतिक मूलढांचा, समाजिक बुनियादी ढांचा, ट्रैफिक प्लान, टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर, मनोरजंन का बुनियादी प्लान व पर्यावरण शमन योजना की डीपीआर शामिल है। इसमें समस्त विभागों में हो रहे विकास कार्यों व प्रस्तावों को शामिल कर डीपीआर तैयार होगी।
अयोध्या विकास प्राधिकरण ने अयोध्या को विश्वस्तरीय अध्यात्मिक मेगा सिटी के रूप में विकसित करने का जो आरपीएफ बनाया है उसकी कुल लागत के लिए 3200 करोड़ रुपये आंकी गई है। प्राधिकरण ने पूरी योजना का 10 प्रतिशत हिस्सा प्रथम किस्त के रूप में 320 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। अभी इस मद में किसी धनराशि का आवंटन नहीं हुआ है। कंसलटेंट टीम एलईए एसोसिएट्स व संबंधित कंपनी सीपी कुकरेजा व एलएडंटी को 6.57 करोड़ रुपये विजन डाक्यूमेंट तैैयार करने व डीपीआर बनाने के लिए दिया जाएगा।
कंसलटेंट कपंनियों के प्रतिनिधि 17 फरवरी को अयोध्या पहुंचकर कार्य शुरू करेंगे। प्लान व डीपीआर तैयार हो जाने के बाद अयोध्या के समन्वित विकास की रूपरेखा तय हो सकेगी। × विशाल सिंह, वीसी अयोध्या विकास प्राधिकरण
अयोध्या के विकास पर आरएफपी में हमने 3200 करोड़ खर्च होने का अनुमान लगाया है। हालांकि डीपीआर बनने के बाद ही इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ कहा जा सकता है। निर्धारित धनराशि का 10 प्रतिशत भाग देने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद है कि बजट में धनराशि का आवंटन हो जाएगा। लागत बढ़ने पर अलग से प्रस्ताव भेजा जाएगा।- आरपी सिंह, वित्त अधिकारी, अयोध्या विकास प्राधिकरण