अमेरिकी एविएशन कंपनी बोइंग ने भारतीय वायुसेना को सभी अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टर की डिलीवरी कर दी है। 22 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर में से अंतिम पांच की डिलीवरी शुक्रवार को वायुसेना के हिंडन एयरबेस पर की गई। इससे पहले बोइंग ने 15 चिनूक हैविलिफ्ट हेलिकॉप्टर में अंतिम पांच मार्च में वायुसेना को सौंपे थे।
इसे लेकर बोइंग इंडिया ने भारतीय वायुसेना का शुक्रिया अदा किया है। बोइंग इंडिया ने एक बयान में कहा, ‘भारतीय वायुसेना को हमारे साथ भागीदारी करने के लिए धन्यवाद।
हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने भारत को 22 एएच64-ई अपाचे और 15 चिनूक हेलीकॉप्टर की डिलीवरी पूरी कर दी है।’बोइंग डिफेंस इंडिया के प्रबंध निदेशक सुरेंद्र आहूजा ने कहा, सैन्य हेलिकॉप्टर की इस डिलीवरी के साथ हमने इस साझेदारी को आगे बढ़ाने का काम जारी रखा है। परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए और सही मूल्य व क्षमताएं देने के लिए हम भारतीय रक्षा बलों के साथ काम करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
भारत उन 17 देशों में से एक है जिसने अपाचे हेलीकॉप्टर का चयन किया है और भारत के पास इसका सबसे उन्नत संस्करण AH-64E है। इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल अमेरिका समेत कई अन्य देश करते हैं। यह नवीनतम संचार, नेविगेशन, सेंसर और हथियार प्रणालियों सहित एक ओपन सिस्टम आर्किटेक्चर से लैस है।
इसमें बेहतर की कई आधुनिक लक्ष्य प्राप्ति प्रणाली (टार्गेट एक्विजिशन डेसिग्नेशन सिस्टम) है, जो 24 घंटे हर मौसम में लक्ष्य की जानकारी उपलब्ध कराता है। साथ ही यह नाइज विजन (अंधेरे में देख सकने की क्षमता) से भी लैस है। इसके अग्नि नियंत्रण रडार को समुद्री वातावरण में संचालित करने के लिए अपडेट किया गया है।
दुनिया के 24 देशों के पास या तो चिनूक हेलीकॉप्टर सेवा में हैं या फिर उनके लिए सौदा किया गया है। 50 साल से अधिक समय से यह दुनिया का सबसे विश्वसनीय और भरोसेमंद हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर बना हुआ है। इसे कैसी भी जटिल परिस्थितियों में फिर चाहे वह गर्म हो या अधिक ऊंचाई पर हो, संचालित किया जा सकता है।
CH-47F (I) चिनूक में एक आधुनिक मशीनी एयरफ्रेम है, एक एवियोनिक्स आर्किटेक्चर प्रणाली (सीएएएस) वाला कॉकपिट और एक डिजिटल ऑटोमैटिक फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (डीएएफसीएस) है। इन आधुनिक तकनीकों की मदद से भारतीय वायुसेना अभियानों की बढ़ती संख्या को पूरा कर सकने में सक्षम हो सकेगी।
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने 22 अपाचे और 15 चिनूक हेलीकॉप्टरों के उत्पादन, प्रशिक्षण व समर्थन के लिए बोइंग के साथ सौदे को सितंबर 2015 में अंतिम रूप दिया था। वहीं, इस साल की शुरूआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दिल्ली यात्रा के दौरान भारतीय सेना के लिए छह अपाचे हेलीकॉप्टर का अनुबंध हुआ था।