अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौटे युवाओं के मामले में जिला पुलिस प्रशासन ने विशेष टीमों का गठन कर उनसे पूछताछ की है। एसपी राजेश कालिया के निर्देश पर पुलिस ने इन युवाओं से मुलाकात की, लेकिन अभी तक किसी भी युवा ने अवैध रूप से विदेश भेजने वाले किसी एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
एजेंटों की सूची भी नहीं हुई तैयार
सरकार ने पुलिस को डंकी रूट (अवैध तरीके से विदेश भेजने वाले रास्ते) से गए युवाओं के एजेंटों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए थे, लेकिन कैथल जिले में कोई अधिकृत एजेंट न मिलने के कारण सूची नहीं बनाई जा सकी।
विदेश मंत्रालय करेगा युवाओं के रिकॉर्ड की जांच
सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्रालय जल्द ही डिपोर्ट किए गए युवाओं का रिकॉर्ड जांचेगा। इसमें यह देखा जाएगा कि विदेश जाने से पहले इनमें से कोई युवक आपराधिक गतिविधियों में शामिल था या नहीं। हालांकि, अभी तक प्रशासन को मंत्रालय की ओर से इस जांच को लेकर कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि मंत्रालय जांच के लिए गुप्तचर एजेंसी की मदद लेगा या फिर विशेष टीम भेजी जाएगी।
कैथल के 11 युवा डिपोर्ट होने वालों में शामिल
कैथल जिले के 11 युवाओं और एक महिला का नाम अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोगों की सूची में शामिल है। इनमें से सात युवक भारत लौट चुके हैं, जबकि चार अन्य युवकों को 17 फरवरी तक डिपोर्ट किया जाना है।
मटौर गांव के युवक की अमेरिका में गोली मारकर हत्या का दावा
डिपोर्ट मामलों के बीच, कैथल के मटौर गांव के युवक मलकीत की अमेरिका में गोली लगने से मौत का दावा किया गया है। मलकीत के परिजनों ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर यह आरोप लगाया है कि अमेरिका के बॉर्डर पर डोंकरों (मानव तस्करों) या वहां की पुलिस ने उसे गोली मार दी।
पुलिस का बयान
इस मामले में डीएसपी सुशील प्रकाश ने बताया कि डिपोर्ट होकर लौटे युवाओं में से किसी ने भी अब तक किसी एजेंट के खिलाफ शिकायत नहीं दी है। यदि कोई शिकायत मिलती है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी। विदेश मंत्रालय द्वारा किसी जांच टीम के आने की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।