भारत और चीन के बीच लद्दाख में बीते कई महीनों से तनाव जारी है. जिसे कम करने की पूरी कोशिश की जा रही है. इस मामले पर अब अमेरिका की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है. अमेरिका ने कहा है कि वह पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के भारत और चीन की कोशिशों का स्वागत करता है. उसने कहा कि दोनों पक्ष एक शांतिपूर्ण समाधान की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में वह हालात पर निकटता से नजर रखना जारी रखेगा.
एक दिन पहले ही भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में घोषणा की थी कि भारत और चीन के बीच पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारों से सेनाओं को पीछे हटाने का समझौता (India China current news) हो गया है, जिसके तहत दोनों पक्ष अग्रिम तैनाती ‘चरणबद्ध, समन्वय और सत्यापन’ के तरीके से हटाएंगे. विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम बलों की सीमा से शुरुआती वापसी की खबरों पर निकटता से नजर रख रहे हैं. हम तनाव कम करने के लिए जारी प्रयासों का स्वागत करते हैं.’
प्रवक्ता ने भारत और चीन के पूर्वी लद्दाख से अपने बलों को पीछे हटाने संबंधी सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘दोनों पक्ष शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं, ऐसे में हम हालात पर निकटता से नजर रखेंगे.’ अमेरिकी सांसद और प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के अहम रिपब्लिकन सदस्य माइकल मैकॉल ने बलों को पीछे हटाए जाने का स्वागत किया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए भारत को मजबूती से खड़ा रहते देखना प्रशंसनीय है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘सीसीपी की पूर्वी एवं दक्षिण चीन सागरों (South China Sea) से लेकर मेकोंग के पानी और हिमालयी क्षेत्रों तक लगातार क्षेत्रीय आक्रामकता का 21वीं सदी में कोई स्थान नहीं है.’ बीते नौ महीने से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर दोनों देशों के बीच गतिरोध बना हुआ है. इस गतिरोध (India China relations) को समाप्त करने के लिए सितंबर, 2020 से लगातार सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर दोनों पक्षों में कई बार बातचीत हुई है.