अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने देश में फैली नस्लभेद की भावना को खत्म करने और सभी को एक समान मानने को लेकर कई आदेशों पर अपने हस्ताक्षर किए हैं। ये आदेश उनके उन वादों का हिस्सा है जो उन्होंने अपने चुनाव के दौरान जनता से किए थे। इनमें देश में नस्लवाद को खत्म करने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा था कि ये रोग प्लेग की भांति पूरे देश में फैला हुआ है, जिसको खत्म करना बेहद जरूरी है। अपने शपथ लेने के एक सप्ताह बाद उन्होंने पुलिस के हाथों मई 2020 में मारे गए ब्लैक मैन जॉर्ज फ्लायड की मौत पर भी गहरा अफसोस जाहिर किया। आपको बता दें कि जॉर्ज की मौत के खिलाफ अमेरिका के लगभग सभी राज्यों में हिंसा देखने को मिली थी। जगह-जगह पर हुए विरोध प्रदर्शनों में इस मौत के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को सजा देने की मांग की गई थी। इसमें गोरे और काले लोगों ने एक साथ हिस्सा लिया था। इस घटना की अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी काफी निंदा की गई थी।
बाइडन ने कहा कि गर्दन पर रखा घुटना और इसको लेकर न्याय की मांग ने लोगों पर काफी प्रभाव छोड़ा है। इस घटना से लोगों की सोच में काफी बदलाव आया है। चुनाव प्रचार के दौरान ये साफ किया गया था जब वो राष्ट्रपति बनेंगे तो देश में मौजूद इस बुराई को खत्म करने का काम करेंगे। इसके नस्लवाद की भावना को खत्म करने के मकसद से उन्होंने अपने प्रशासन में हर समुदाय को जगह दी। आपको बता दें कि बाइडन के ये आदेश उन 15 आदेशों का ही हिस्सा हैं जो उन्होंने पद संभालने के तुरंत बाद दिए थे।
बाइडेन ने नस्लभेद खिलाफ दिए अपने आदेश में सभी संघीय एजेंसियों को इसको खत्म करने को कहा है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि नस्लवाद को देश में मजबूत करने वाली सभी नीतियों की दोबारा समीक्षा की जानी चाहिए जिससे इस बुराई को खत्म करने में मदद मिल सके। इसके अलावा उन्होंने 2020 की जनगणना से संबंधित ट्रंप के उन दो आदेशों को भी रद्द कर दिया है जो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल में दिए थे।बाइडन ने संघीय कर्मचारियों को नैतिकता की प्रतिज्ञा लेने का भी आदेश दिया। उन्होंने अपने शपथ ग्रहण के बाद जो भाषण दिया था उसमें भी उन्होंने कहा किा कि अब नए प्रशासन में हर व्यक्ति की आवाज सुनी जाएगी। नए प्रशासन में नस्लवाद की कोई जगह नहीं होगी। वो हर किसी के राष्ट्रपति होंगे।