अमेरिका और चीन के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है. दक्षिण चीन सागर में पहली बार चीन के दावे को खारिज करने के बाद अब अमेरिका ने हॉन्ग कॉन्ग को लेकर चीन के खिलाफ कार्रवाई की है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा है कि उन्होंने हॉन्ग कॉन्ग की स्वायत्तता में दखल को लेकर चीन पर प्रतिबंध लागू करने वाले बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने हॉन्ग कॉन्ग का विशेष दर्जा खत्म करने के लिए एक आदेश पर भी हस्ताक्षर कर दिए हैं. हॉन्ग कॉन्ग को व्यापार में अमेरिका से तमाम तरह की छूट मिलती थी.
ट्रंप ने कहा, हॉन्ग कॉन्ग को अब मुख्यभूमि चीन की तरह ही देखा जाएगा. कोई विशेषाधिकार नहीं, कोई खास आर्थिक छूट नहीं और संवेदनशील तकनीक का कोई निर्यात नहीं. इसके अलावा, हम चीन की ही तरह हॉन्ग कॉन्ग पर भी भारी-भरकम टैरिफ लगा रहे हैं.
इस कानून को ‘हॉन्ग कॉन्ग ऑटोनमी ऐक्ट’ नाम दिया गया है. इसके तहत, हॉन्ग कॉन्ग में सुरक्षा कानून लागू करवाने में मदद करने वाले चीनी अधिकारियों और कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. ये बिल कांग्रेस के दोनों सदनों में इसी महीने पारित हो चुका है.
ट्रंप प्रशासन हॉन्ग कॉन्ग में चीन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की आलोचना करता रहा है. कहा जा रहा है कि इस कानून का इस्तेमाल हॉन्ग कॉन्ग की स्वायत्तता सीमित करने और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ आलोचना करने वाले साहित्य को बैन करने में किया जाएगा. इसी महीने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इस कानून को हॉन्ग कॉन्ग के लोगों के अधिकार और आजादी पर हमला करार दिया था.
हॉन्ग कॉन्ग अब अमेरिका और चीन के बीच तनातनी का एक नया मुद्दा बन चुका है. कोरोना वायरस महामारी से अमेरिका में पैदा हुए स्वास्थ्य संकट और दक्षिण चीन सागर में चीन के गैर-कानूनी दावे को लेकर अमेरिका-चीन के बीच पहले से ही तनाव चल रहा है.
ट्रंप प्रशासन कई महीनों से ये संकेत दे रहा था कि चीन के खिलाफ कई कदम उठाए जाएंगे. कोरोना वायरस की महामारी ने सबसे ज्यादा अमेरिका में तबाही मचाई है.
यहां तक कि ट्रंप कई बार कोरोना वायरस को चीनी वायरस भी कह चुके हैं. ट्रंप ने व्हाइट हाउस में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कहा था, “चीन के राज, धोखे और उस पर पर्दा डालने की कोशिश की वजह से महामारी पूरी दुनिया में फैल गई. चीन की जवाबदेही तय करनी ही पड़ेगी.”
कोरोना महामारी ने चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. इसी साल दोनों देशों ने इस समझौते के पहले चरण पर हस्ताक्षर किए थे. ट्रंप ने पिछले सप्ताह कहा कि चीन के साथ अमेरिका के संबंधों को बेहद नुकसान पहुंचा है और वह ट्रेड डील के अगले चरण के बारे में सोच भी नहीं रहे हैं.
सीबीएस न्यूज को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, देखिए हमने डील की थी लेकिन जैसे ही डील हुई, स्याही सूखी भी नहीं थी कि हम पर महामारी ने हमला बोल दिया. इसलिए अभी चीन से किसी भी डील के बारे में बात करने में मेरी दिलचस्पी नहीं है. फिलहाल, मेरी दिलचस्पी चीन के साथ कुछ और करने में है.