अमेरिका ‘ताइवान की आजादी’ की मांग करने वाले अलगाववादी ताकतों का समर्थन नहीं करे : चीन

चीन ने सोमवार को अमेरिका से सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) और उसकी एक दलीय राजनीतिक प्रणाली को ‘बदनाम’ नहीं करने और ताइवान, तिब्बत, हांगकांग एवं शिनजियांग में ‘‘अलगाववादी ताकतों’’ का समर्थन नहीं करने की अपील की।

चीन- अमेरिका संबंध के विषय पर आयोजित वार्षिक ‘लैंटिंग फोरम’ में विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि बाइडन प्रशासन को अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उन कठोर नीतियों पर विचार करना चाहिए जिसे उन्होंने चीन के बढ़ते प्रभाव पर लगाम लगाने के लिए उठाया था। वांग ने कहा, ‘हमारी मंशा अमेरिका को चुनौती देने या उसे हटाने की नहीं है। हम शांतिपूर्ण सह- अस्तित्व के लिए तैयार हैं और अमेरिका के साथ साझा विकास चाहते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘इसी तरह हम आशा करते हैं कि अमेरिका चीन के बुनियादी हितों, राष्ट्रीय प्रतिष्ठा और विकास के अधिकार का सम्मान करेगा। हम अमेरिका से सीपीसी और चीन की राजनीतिक प्रणाली को बदनाम नहीं करने, उसके खिलाफ गलत शब्दों से बचने का अनुरोध करते हैं।’ विदेश मंत्री ने कहा, ‘साथ ही हम चाहते हैं कि अमेरिका ‘ताइवान की आजादी’ की मांग करने वाले अलगाववादी ताकतों का समर्थन नहीं करे तथा हांगकांग, शिनजियांग एवं तिब्बत से संबंधित चीन के आंतरिक मामलों में उसकी संप्रभुता एवं सुरक्षा को कमतर करना बंद करे।’

उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अमेरिका जल्द से जल्द उसकी नीतियों को ठीक करेगा। वह चीनी मालों पर बिना वजह लगाये गये कर, चीनी कंपनियों, अनुसंधान एवं शैक्षणिक संस्थानों पर लगाये गये एकतरफा प्रतिबंधों को हटाएगा और चीन पर बेवजह दबाव बनाना बंद करेगा।’ चीन और अमेरिका के संबंध वर्तमान में ठीक नहीं चल रहे हैं। दोनों देशों के बीच कोरोना वायरस महामारी के उद्भव, दक्षिण चीन सागर में बढ़ती सैन्य गतिविधि और मानवाधिकार समेत कई मुद्दों को लेकर टकराव चल रहा है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने 11 फरवरी को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से करीब दो घंटे से अधिक बात की थी और कहा था कि चीन के मानवाधिकार उल्लंघन का नतीजा ठीक नहीं होगा। विदेश मंत्री ने कहा कि संवेदनशील मुद्दों के प्रभावी समाधान के लिए उन्हें हर क्षेत्र में व्यापक बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘चीन वार्ता के लिए हमेशा से तैयार है। समस्याओं के समाधान के लिए वार्ता करने और अमेरिका की ओर से भी सार्थक बातचीत के लिए तैयार हैं।’

वांग ने कहा, ‘हम जानते हैं कि अमेरिका का नया प्रशासन अपनी विदेश नीति की समीक्षा और आकलन कर रहा है, इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिका के नीति निर्माता समय के साथ तालमेल बनाएंगे, दुनिया के रुख को देखेंगे, पक्षपातपूर्ण रवैया को छोड़ेंगे, गैर जरूरी संदेह नहीं करेंगे और चीन- अमेरिका संबंधों में बेहतर प्रगति सुनिश्चित करने के लिए चीन को लेकर पुरानी नीति पर लौटेंगे।’

राष्ट्रपति बाइडन ने भी चीन के साथ फिर से रिश्ते सुधारने और अमेरिकी कूटनीति में नरमी लाने पर जोर दिया है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह चीन को लेकर अमेरिका की नीतियों में कोई बदलाव करेंगे या नहीं।

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