हांग कांग की नेता कैरी लैम की ओर से अमेरिका के लिए मंगलवार को चेतावनी जारी की गई जिसमें देश में चल रहे लोकतंत्र समर्थक गतिविधियों को समर्थन देकर हस्तक्षेप न करने को कहा गया है। उन्होंने अमेरिका को चेताते हुए कहा कि देश में जारी लोकतंत्र समर्थित प्रदर्शनों पर उनकी सरकार की कार्रवाई में वाशिंगटन दखल न दे।

पिछले 14 हफ्ते से अधिक समय से हजारों लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जो 1997 में ब्रिटेन द्वारा चीन के हाथों हांगकांग को सौंपे जाने के बाद से अब तक की यह सबसे बड़ी चुनौती है।
रविवार को प्रदर्शनकारी फिर से सड़क पर उतर आए और अमेरिकी कंसुलेट तक मार्च किया और मदद की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी कंसुलेट के पास पहुंच हांगकांग को आजाद कराने व चीन को रोकने के नारे लगाए।
अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने हांगकांग के आंदोलन से निपटने में चीन से संयम बरतने की अपील की। वह इन दिनों पेरिस की यात्रा पर हैं। अगस्त में राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन को हांगकांग की समस्या मानवीय तरीके से सुलझाने की सलाह दी थी।
अमेरिका ने चीन से हांगकांग में जारी विरोध प्रदर्शनों से निपटने में संयम की अपील की। जिस पर चीन ने इसे अपना आंतरिक मामले बताते हुए मध्यस्थता की संभावना से इंकार कर दिया और हांगकांग में जारी अशांति के लिए अमेरिका और ब्रिटेन को जिम्मेदार बताया।
सन 1997 तक ब्रिटिश उपनिवेश रहा हांगकांग इस शर्त के साथ चीन को दिया गया था कि नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकार बने रहेंगे। चीन ने हांगकांग को स्वायत्तता दी। लेकिन धीरे नागरिक अधिकारों में धीरे-धीरे कटौती शुरू कर दी। इससे हांगकांग की जनता को स्वायत्ता पूरी तरह खत्म होने का खतरा महसूस हुआ और तभी लोकतंत्र की मांग को लेकर आंदोलन शुरू हुआ।
वाशिंगटन ने बीजिंग के उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि यह प्रदर्शनकारियों का समर्थन कर रहा है और चीन ने अपने इस दावे को सही ठहराने के लिए सबूत भी पेश किए। इन सबूतों में अमेरिकी राजनीतिज्ञों के समर्थन देने वाले बयान हैं।
इससे इतर ब्रिटेन में 150 से अधिक सांसदों ने विदेश सचिव डॉमिनिक राब से हांगकांग की जनता के लिए द्वितीय नागरिकता और निवासियों को रहने का अधिकार देने की अपील की। इससे चीन को यह संदेश मिला कि हांगकांग की जनता अकेली नहीं है।
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