अमेरिका ने चीन पर मुसलमानों और ईसाइयों के दमन का आरोप लगाया है, अमेरिका का आरोप है कि चीन में ईसाइयों, तिब्बतियों और मुसलमानों को दबाया जाता है, वहीं अमेरिका के इस आरोप का जवाब देते हुए चीन ने कहा कि वह उसके अंदरूनी मामलों में दखलंदाज़ी न करे. 
उल्लेखनीय है कि शनिवार को अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो और चीनी पोलित ब्यूरो सदस्य यांग जेइची के बीच हुई मुलाकात के दौरान इस मामले पर बात हुई थी. ये नेता हाल ही में दोनों देशों के रिश्तों में आई तल्खी को कम करन के मकसद से बातचीत कर रहे थे. इस बैठक के बाद हुई जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में पॉम्पियो ने कहा कि दुनिया के लोग हमारी इस चिंता से सहमत है कि चीन में ईसाइयों, बौद्धों और लाखों मुसलमानों को धार्मिक स्वतंत्रता नहीं प्रदान की जा रही है.
पॉम्पियो के इन आरोपों पर यांग शांत नहीं रहे और कहा कि उनका देश मानवाधिकारों का सम्मान करता है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग मानवाधिकारों को लेकर हमेशा सजग रहते हैं और चीन के लोग किसी धर्म को मानने या न मानने के लिए आज़ाद हैं, यांग ने कहा कि वे चीन के हर नागरिक को अपना धर्म चुनने और उसका पालन करने की स्वतंत्रता है.
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