अमेरिका और ब्रिटेन के हमलों में 37 लोगों की मौत

हूती ने दावा किया है कि अमेरिकी और ब्रिटिश हवाई हमलों में 37 लोग मारे गए। वहीं 30 लोग घायल हो गए। हूती को ईरान से समर्थन प्राप्त है। इस ग्रुप का गठन 1990 में हुसैन अल हूती ने किया था। हूतियों ने यमन के तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर उनके शासन के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया था।

हूती विद्रोहियों ने दावा किया है कि यमन में अमेरिकी और ब्रिटिश हवाई हमलों में 37 लोग मारे गए। वहीं, 30 लोग घायल हो गए। हूती विद्रोहियों ने दावा किया कि यमन में करीब 424 ठिकानों पर हवाई हमले किए गए। 

इजरायल हमास युद्ध में फलस्तीन का समर्थन कर रहे हूती विद्रोहियों ने कुछ दिनों पहले लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय जहाज पर हमले किए। फरवरी महीने से लगातार अमेरिकी और ब्रिटिश की ओर से हूती विद्रोहियों पर कार्रवाई की जा रही है।

हूती विद्रोहियों ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार को किया प्रभावित

हूती विद्रोहियों के हमलों की वजह से अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर बुरा असर पड़ रहा है। लाल सागर की ओर से यात्रा करने वाले कई जहाजों को अफ्रीका के दक्षिणी सिरे के आसपास लंबी यात्रा करनी पड़ रही है, जो काफी महंगी भी है।

कौन हैं हूती विद्रोही?

बता दें कि हूती को ईरान से समर्थन प्राप्त है। इस ग्रुप का गठन 1990 में हुसैन अल हूती ने किया था। हूतियों ने यमन के तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर उनके शासन के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया था। वे खुद को ‘अंसार अल्लाह’ यानी ईश्वर के साथी भी कहते हैं। फिलहाल हूती विद्रोहियों के निशाने पर वो देश हैं जो इजरायल का समर्थन कर रहे हैं।

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