अमृतसर ब्लास्ट: जानिए क्यों कट्टरपंथियों का मुख्य निशाना हो रहे निरंकारी सिख…

पूरे पंजाब में हाई अलर्ट जारी है। लोगों के मन में दहशत है। हमला एक धार्मिक डेरे में हुआ था जिसे निरंकारी भवन कहा जाता है। पंजाब स्थित अमृतसर में रविवार को एक धार्मिक डेरे में ग्रेनेड हमले के चलते 3 लोगों की मौत हो गई जबकि 20 से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए। इन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस आतंकी हमले के ऐंगल से घटना की जांच कर रही है।

निरंकारी भवन की अमृतसर से दूरी सिर्फ 7 किलोमीटर दूर है, वहीं इंटरनैशनल बॉर्डर से इसकी दूरी सिर्फ 20 किलोमीटर है। रविवार को यहां बड़ी तादाद में श्रद्धालु जुटते हैं। शायद हमलावरों ने इसी वजह से इस धमाके को अंजाम दिया। निरंकारी सिखों का ही एक संप्रदाय है जो जीवित गुरुओं पर यकीन रखते हैं इसलिए ये मुख्यधारा के सिख नहीं होते हैं।

जीवित गुरुओं पर यकीन रखते हैं निरंकारी
निरंकारी समुदाय को रूढ़िवादी सिखों द्वारा विधर्मी माना जाता है क्योंकि वह गुरु ग्रंथ साहिब के बजाय जीवित गुरुओं पर यकीन करते हैं। इस वजह से ये कट्टरपंथियों का मुख्य निशाना होते हैं। 13 अप्रैल 1978 में जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व में हुई एक हिंसा में 13 लोग मारे गए थे, जिसके बाद तबके अकाल तख्त जाठेदार साधु सिंह ने सभी सिखों को निरंकारियों से संबंध तोड़ने का फरमान सुनाया था।

अमृतसर में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर दिया, हमलावरों की जानकारी देने वालों को मिलेंगे 50 लाख…

सविंदर कौर हैं निरंकारी मिशन की मुखिया
1980 से निरंकारी संप्रदाय का नेतृत्व करने वाले बाबा हरदेव सिंह का 2016 में एक कार दुर्घटना में कनाडा में मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद उनकी पत्नी सविंदर कौर निरंकारी मिशन की पहली महिला मुखिया हैं। उनकी बेटी सुदीक्षा को इस साल संप्रदाय का आध्यात्मिक मुखिया चुना गया है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com