Namaste Trump: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम पहुंचे। सोमवार को यहां स्टेडियम में ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
मल्खम का अभ्यास
गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती गुरुकुलम में 15 छात्रों ने मल्खम का अभ्यास किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रोड शो के दौरान परफार्मेंस देंगे।
अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में आयोजित होने वाले ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम से पहले 25 बिस्तरों का अस्थायी अस्पताल बनाया गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए विशेष व्यवस्था
फॉर्च्यून लैंडमार्क होटल के शेफ सुरेश खन्ना अहमदाबाद में साबरमती आश्रम की यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी के लिए भोजन तैयार करेंगे। शेफ के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
शाकाहारी आइटम
शेफ सुरेश खन्ना के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति और फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। मेनू में केवल शाकाहारी आइटम शामिल है। यह गुजराती शैली में पकाया जाएगा। खाद्य निरीक्षकों को पहले भोजन का स्वाद चखाया जाएगा, फिर गहन जांच के बाद इसे मेहमानों को परोसा जाएगा।
पूर्वाभ्यास
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अहमदाबाद यात्रा के लिए निर्धारित मार्ग पर अंतिम पूर्वाभ्यास किया गया।।
साबरमती आश्रम में कड़ी सुरक्षा
अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे को लेकर अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में कड़ी सुरक्षा कर दी गई है।
नमस्ते ट्रंप पर उठाए सवाल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गुजरात यात्रा को लेकर वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला व नेता विपक्ष परेश धनाणी ने कई सवाल उठाए हैं। नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम पर खर्च के साथ ही उनके गांधी आश्रम नहीं आने को सीधे रंगभेद से जोड़ा है। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री वाघेला ने गांधी आश्रम पहुंच कर गांधीजी की प्रतिमा को माला पहनाई। वाघेला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति ट्रंप के आगे पीछे घूमें यह शोभा नहीं देता है। पहले अमेरिका में अपने पैसे पर ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ के नारे लगवाए, अब सौ करोड़ रुपये खर्च कर मोटेरा स्टेडियम में शाही स्वागत की तैयारियां हो रही हैं। वाघेला ने ट्रंप नागरिक अभिवादन समिति के सदस्यों को चेताया कि जनता का पैसा यूं बर्बाद नहीं करने देंगे।
रंगभेद की दीवार खींची
नेता विपक्ष परेश धनाणी ने ट्वीट कर कहा कि अमीरों के मसीहा ने गरीबों के आगे दंभ की दीवार खींच दी। अब अफ्रीका में काले-गोरे के भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने वाले गांधीजी के आश्रम की उपेक्षा कर रंगभेद की दीवार खींची जा रही है।