अमावस्या पर चंद्रमा दिखाई नहीं देता, ऐसे में जो लोग अति भावुक होते हैं, उन पर इसका सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। इस दिन शरीर में हलचल बढ़ जाती है। अमावस्या पर शनि कृपा पाने के लिए लोहे से बनी कोई वस्तु दान करें। जरूरतमंद को धन का दान किया जा सकता है।
जिसका क्षय और उदय नहीं होता उसे अमावस्या कहा गया है। अमावस्या माह में एक बार ही आती है। शास्त्रों में अमावस्या तिथि का स्वामी पितृदेव को माना जाता है। अमावस्या सूर्य और चंद्र के मिलन का काल है। इस दिन दोनों एक ही राशि में रहते हैं। मान्यता है कि प्रत्येक अमावस्या को पितर घर पर आते हैं। इस दिन उनके नाम से दान करना चाहिए। इस बार यह 7 दिसंबर को है।
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अमावस्या पर सोने के दान का काफी महत्व बताया गया है। हर अमावस्या को घर को अच्छी तरह से साफ करें। घर के मंदिर और तुलसी पर दीपक जलाएं। अमावस्या पर तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। खीर बनाकर ब्राह्मण को भोजन के साथ खिलाएं। तामसिक वस्तुओं का सेवन न करें। अमावस्या पर अनाज का दान करना पुण्य प्रदान करता है। अमावस्या पर काले तिल का दान करने से शनि, राहु-केतु के दोष शांत होते हैं। पीली त्रिकोण आकृति की पताका विष्णु मंदिर में लगाएं। ऐसा करने से भाग्य चमक उठेगा।