सांसद खुद को जनप्रतिनिधि कहते हैं और जनता के लिए खुद को समर्पित होने का दावा करते हैं, लेकिन जब बात सुख-सुविधाओं की आती है तो सबसे पहले अपने बारे में सोचते हैं. अब एक संसदीय समिति ने सुझाव दिया है कि घरेलू उड़ान के दौरान सीट खाली होने की सूरत में सांसदों को बिजनेस क्लास की सीट अपग्रेड कर दी जाए.
संसदीय समिति चाहती है कि घरेलू एयरलाइंस सीट खाली होने की सूरत में सांसदों के लिए सीट अपग्रेड करते हुए बिजनेस क्लास में कर दें. खाद्ध, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण की स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन जेसी दिवाकर रेड्डी ने इस संबंध में नागरिक उड्डयन विभाग के सचिव राजीव नारायण चौबे से मुलाकात की और अनुरोध किया कि विभाग सभी घरेलू एयरलाइंस को इस संबंध में आदेश जारी करे. दिवाकर रेड्डी तेलगु देशम पार्टी के सांसद हैं.
3 एयरलाइंस देती है यह सुविधा
एयर इंडिया , जेट एयरवेज और विस्तारा ही ऐसी एयरलाइंस हैं जो अपने घरेलू उड़ानों में भी बिजनेस क्लास की सीट की सुविधा देती है. जबकि स्पाइस जेट और इंडिगो प्रीमियम दाम पर यात्रियों को एक्स्ट्रा लेग स्पेस वाली सीट की सुविधा मुहैया कराती है.
एचटी की ओर से छपी खबर के अनुसार, रेड्डी ने बृहस्पतिवार को हुई बैठक के दौरान नागरिक उड्डयन सचिव चौबे से कहा, “आप क्यों नहीं ऐसा एक आदेश जारी करते हैं जिसमें बिजनेस क्लास की सीट के खाली होने की दिशा में उसे सांसदों को दे दिया जाए.” समिति के एक अन्य सदस्य समाजवादी पार्टी के सांसद रवि प्रकाश वर्मा ने भी नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सुझाव दिया कि वह इस संबंध में एक आदेश जारी करे और इसकी कॉपी पैनल को भी भेजे.
समिति में एक सदस्य ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि सांसदों की ओर से ऐसी कई शिकायतें सुनने के बाद हमने इस तरह का फैसला लिया है. उन्होंने कहा, “हमने ऐसी कई शिकायतें सुनी हैं जिसमें सांसदों को बिजनेस क्लास की सीट खाली होने के बाद भी वह सीट मुहैया नहीं कराई गई. एक बार हमारे सामने यह भी शिकायत आई कि सांसद को बिजनेस क्लास की सीट जारी करने के बाद अंतिम समय में उन्हें इकोनॉमी सीट पर बैठने को कहा गया.”
एक सांसद को सालभर में हवाई यात्रा के लिए 34 टिकट फ्री मिलते हैं, जिसमें उनके साथ एक सहयोगी भी जा सकता है. ये लोग बिजनेस क्लास में सफर कर सकते हैं. अगर सांसद सभी 34 टिकटों का इस्तेमाल नहीं कर पाते, तो बचे फ्री टिकट अगले साल में जुड़ जाता है.
लोकसभा के एक अन्य सांसद ने इस मांग का समर्थन करते हुए कहा, “सांसदों को सालभर काफी यात्रा करनी पड़ती है, कई बार उन्हें राजनीतिक कार्यक्रमों या फिर निजी काम के सिलसिले में सफर करना पड़ता है.” हालांकि सीपीआई (एम) के लोकसभा सांसद मोहम्मद सलीम ने सांसदों के इस सुझाव के विपरीत अपनी राय रखी. उन्होंने कहा, “एक संसदीय समिति को लोगों के हितों से जुड़े मामलों में तेजी से काम करने चाहिए, न कि अपने सांसदों के हितों के लिए.”
पिछले साल भी यह मामला उठा था, जब संसदीय समिति ने नागरिक उड्डयन विभाग के सामने यह बात रखी थी कि खाली होने की सूरत में बिजनेस क्लास की सीट सांसदों को मुहैया करा दी जाए. पिछले साल मार्च में शिवसेना के ओस्मानाबाद के लोकसभा सांसद रविंद्र गायकवाड़ ने एयर इंडिया के 60 वर्षीय एक कर्मचारी के साथ हाथापाई करने का आरोप था क्योंकि उन्हें इकोनॉमी क्लास में यात्रा करने को कहा गया, जबकि वह बिजनेस क्लास में सफर कर सकते थे. इस हाथापाई के बाद उस समय कई एयरसर्विस कंपनियों ने उनके हवाई सफर पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी थी.
समिति की ओर से इस सुझाव के बाद एयर इंडिया, विस्तारा और जेट एयरवेज की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया.