बेशिक शिक्षा निदेशालय के वित्त नियंत्रक (लेखा विभाग) कार्यालय में बृहस्पतिवार की सुबह आग लगने से महत्वपूर्ण रिकार्ड और 400 से अधिक पत्रावलियां जलकर राख हो गईं। दफ्तर का कंप्यूटर भी जल गया। आग इतनी भीषण थी कि पास में वित्त नियंत्रक के चेंबर में भी पाइप के सहारे धुएं का गुबार फैल गया। कार्यालय का ताला खुलवाकर सफाई कराने पहुंचे अर्दली/परिचारक के शोर मचाने के बाद पुलिस को जानकारी दी गई। दमकल की मदद से तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझाई गई, तब तक तमाम दस्तावेज आग की भेंट चढ़ चुके थे। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है।अर्दली बा मुकुंद शर्मा ने सबसे पहले इस घटना की जानकारी नजारत के लिपिक राम विलास यादव को दी। उन्होंने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया और डायल-100 पर फोन किया। बाद में फायर ब्रिगेड करीब पौन घंटे बाद 8:45 बजे जब पहुंची तब आग बुझाने का काम आरंभ हुआ। आग लगने की इस घटना में कंप्यूटर के अलावा कुर्सियां, मेज और पत्रावलियां जलकर नष्ट हो गईं। वित्त नियंत्रक मणिशंकर पांडेय के अलावा निदेशालय परिसर के कई अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया। आग लगने की वजहों की जांच की जा रही है। वित्त नियंत्रक ने सिविल लाइंस थाने पहुंचकर इस घटना की प्राथमिकी दर्ज कराई। उन्होंने शार्ट सर्किट से आग लगने का अंदेशा जताया है।
दफ्तर में आग लगने के पीछे कोई षड्यंत्र नहीं लगता। भीतर कोई था भी नहीं। जिस कक्ष में आग लगी थी उसमें दो आलमारियों में रखी फाइलें सुरक्षित हैं। बजट और अन्य प्रक्रियाओं से जुड़ी फाइलें दूसरे कमरे में थीं। आग कैसे लगी इसकी जांच कराई जाएगी। मणिशंकर पांडेय- वित्त नियंत्रक।
दफ्तर में आग लगने के पीछे कोई षड्यंत्र नहीं लगता। भीतर कोई था भी नहीं। जिस कक्ष में आग लगी थी उसमें दो आलमारियों में रखी फाइलें सुरक्षित हैं। बजट और अन्य प्रक्रियाओं से जुड़ी फाइलें दूसरे कमरे में थीं। आग कैसे लगी इसकी जांच कराई जाएगी। मणिशंकर पांडेय- वित्त नियंत्रक।
मैं सुबह दफ्तर की सफाई कराने के लिए कार्यालय पहुंचा था। ताला खोला तो भीतर आग लगी हुई थी। कंप्यूटर कक्ष के अलावा लेखाधिकारी के कमरे में भी आग फैल चुकी थी। फिर नजारत और अन्य अधिकारियों को सूचना दी। बाल मुकुंद शर्मा- अर्दली